गुना की रहने वाली महिला सिंघम IPS की सब इंस्पेक्टर कर रहा था SP की जासूसी, साइबर सेल प्रभारी बार-बार निकलवा रहा था लोकेशन, गुना की रहने वाली हैं IPS

 

गुना/ राजस्थान के भिवाड़ी में पदस्थ गुना निवासी आईपीएस की उनके ही विभाग को लोग जासूसी कर रहे थे। साइबर सेल के सब इंस्पेक्टर और 6 पुलिसकर्मी एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी के मोबाइल नम्बर से उनकी लोकेशन ट्रेस कर रहे थे। एसपी को इसकी जब भनक लगी तो सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। अब पुलिस हेडर्क्वाटर के स्तर पर मामले की जांच की जा रही है। मामला भिवाड़ी साइबर सेल का हे।
एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी ने कहा है कि मैं ईमानदारी से अपना काम कर रही हूं। मुझे इसका अनुमान नहीं था कि मेरे ही विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस तरह से मुझे निराश करेंगे। मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि मेरे डिपार्टमेंट के पुलिसकर्मी मेरे मोबाइल से मेरी लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं और मेरी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।
क्या है मामला
मुझे गोपनीय रूप से 6 अक्टूबर को जानकारी मिली। इसके बाद मामले की जांच की और यह सच पाया गया तो तुरंत कार्रवाई की। सोमवार (7 अक्टूबर) को साइबर सेल के इंचार्ज एसआई श्रवण जोशी, हेड कॉन्स्टेबल अवनीश कुमार, कॉन्स्टेबल राहुल, सतीश, दीपक, भीम और रोहिताश को सस्पेंड कर दिया है।
सभी आरोपी पुलिसकर्मी पुलिस विभाग के साइबर सेल के जरिए भिवाड़ी एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी की फोन की लोकेशन ट्रेस कर रहे थे। एसपी ने इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस मुख्यालय को दी है। पुलिस मुख्यालय ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में और किन-किन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका है, इसकी भी जांच की जाएगी।
जांच में सामने आया कि साइबर सेल इंचार्ज श्रवण जोशी ने एसपी का मोबाइल नंबर ट्रैक कराया था। बताया जा रहा है कि 10 से 15 बार एसपी की लोकेशन निकाली गई। इस दौरान लोकेशन ट्रेसिंग से जुड़ी चैट को भी डिलीट कर दिया गया। खासतौर पर शनिवार और रविवार के दिन की ही लोकेशन ट्रैक की जा रही थी, जिसे एसपी की बिना जानकारी के छुट्टी लेने के प्रयास से जोड़ा जा रहा है। हालांकि, इस तर्क को पुलिस विभाग के कई अधिकारी खारिज कर रहे हैं। पूरे मामले की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी जा चुकी है, और मामले की जांच एसटी-एससी सेल के DSP को सौंपी गई है। घटना 3 अक्टूबर को हुई थी, लेकिन प्रदेश में इस तरह का पहला मामला होने के कारण सब चुप रहे। इधर, जयपुर रेंज आईजी अजय पाल लांबा के अनुसार, इस प्रकरण को चार दिन हो चुके हैं। कितने समय से और कितनी बार लोकेशन निकाली गई, यह जांच का विषय है।
गुना निवासी है आईपीएस

एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी मध्यप्रदेश के गुना जिले की निवासी है
उन्होंने 2017 में सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और इसके बाद 2018 में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद राजस्थान कैडर में पहली बार उदयपुर के गिर्वा सर्किल में बतौर एएसपी के रूप में कार्यभार संभाला। इसके बाद भीलवाड़ा में एसपी रहीं। फिर जयपुर क्राइम ब्रांच में डीसीपी के पद पर तैनात किया। सिरोही, कोटपुतली, बहरोड़ में फील्ड में पदस्थापना रहीं। अब भिवाड़ी की एसपी है।

गुना/ राजस्थान के भिवाड़ी में पदस्थ गुना निवासी आईपीएस की उनके ही विभाग को लोग जासूसी कर रहे थे। साइबर सेल के सब इंस्पेक्टर और 6 पुलिसकर्मी एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी के मोबाइल नम्बर से उनकी लोकेशन ट्रेस कर रहे थे। एसपी को इसकी जब भनक लगी तो सभी आरोपी पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया। अब पुलिस हेडर्क्वाटर के स्तर पर मामले की जांच की जा रही है। मामला भिवाड़ी साइबर सेल का हे।
एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी ने कहा है कि मैं ईमानदारी से अपना काम कर रही हूं। मुझे इसका अनुमान नहीं था कि मेरे ही विभाग के अधिकारी और कर्मचारी इस तरह से मुझे निराश करेंगे। मुझे इस बात का अंदाजा नहीं था कि मेरे डिपार्टमेंट के पुलिसकर्मी मेरे मोबाइल से मेरी लोकेशन ट्रेस कर रहे हैं और मेरी गतिविधियों पर नजर रख रहे हैं।
क्या है मामला
मुझे गोपनीय रूप से 6 अक्टूबर को जानकारी मिली। इसके बाद मामले की जांच की और यह सच पाया गया तो तुरंत कार्रवाई की। सोमवार (7 अक्टूबर) को साइबर सेल के इंचार्ज एसआई श्रवण जोशी, हेड कॉन्स्टेबल अवनीश कुमार, कॉन्स्टेबल राहुल, सतीश, दीपक, भीम और रोहिताश को सस्पेंड कर दिया है।
सभी आरोपी पुलिसकर्मी पुलिस विभाग के साइबर सेल के जरिए भिवाड़ी एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी की फोन की लोकेशन ट्रेस कर रहे थे। एसपी ने इस पूरे मामले की जानकारी पुलिस मुख्यालय को दी है। पुलिस मुख्यालय ने इस मामले की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में और किन-किन पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों की भूमिका है, इसकी भी जांच की जाएगी।
जांच में सामने आया कि साइबर सेल इंचार्ज श्रवण जोशी ने एसपी का मोबाइल नंबर ट्रैक कराया था। बताया जा रहा है कि 10 से 15 बार एसपी की लोकेशन निकाली गई। इस दौरान लोकेशन ट्रेसिंग से जुड़ी चैट को भी डिलीट कर दिया गया। खासतौर पर शनिवार और रविवार के दिन की ही लोकेशन ट्रैक की जा रही थी, जिसे एसपी की बिना जानकारी के छुट्टी लेने के प्रयास से जोड़ा जा रहा है। हालांकि, इस तर्क को पुलिस विभाग के कई अधिकारी खारिज कर रहे हैं। पूरे मामले की रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजी जा चुकी है, और मामले की जांच एसटी-एससी सेल के DSP को सौंपी गई है। घटना 3 अक्टूबर को हुई थी, लेकिन प्रदेश में इस तरह का पहला मामला होने के कारण सब चुप रहे। इधर, जयपुर रेंज आईजी अजय पाल लांबा के अनुसार, इस प्रकरण को चार दिन हो चुके हैं। कितने समय से और कितनी बार लोकेशन निकाली गई, यह जांच का विषय है।
गुना निवासी है आईपीए एसपी ज्येष्ठा मैत्रेयी मध्यप्रदेश के गुना जिले की निवासी है।
उन्होंने 2017 में सिविल सेवा परीक्षा पास की थी और इसके बाद 2018 में ट्रेनिंग पूरी करने के बाद राजस्थान कैडर में पहली बार उदयपुर के गिर्वा सर्किल में बतौर एएसपी के रूप में कार्यभार संभाला। इसके बाद भीलवाड़ा में एसपी रहीं। फिर जयपुर क्राइम ब्रांच में डीसीपी के पद पर तैनात किया। सिरोही, कोटपुतली, बहरोड़ में फील्ड में पदस्थापना रहीं। अब भिवाड़ी की एसपी है।

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