ग्वालियर चंबल अंचल में लगातार तापमान गिर रहा है खासकर रात के समय अधिकतर जिलों में न्यूनतम तापमान 6 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना हुआ है। वही दिन के समय इसके उलट धूप निकलने से तापमान 24 डिग्री के आसपास रिकॉर्ड हो रहा है। दिन में धूप और रात को तापमान में गिरावट के वजह से बदलते मौसम लोगों की सेहत पर असर डाल रहा है। विशेष कर लोगों के दिल और दिमाग पर इसका विशेष प्रभाव पड़ रहा है। आलम यह है कि सर्दी के कारण हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। जयारोग्य अस्पताल के कार्डियोलॉजी और न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में एक सप्ताह के भीतर ब्रेन स्ट्रोक और हार्ट अटैक के 300 से अधिक मामले रिकॉर्ड हुए हैं। इनमें लगभग 40 से अधिक मरीजों की हार्ट अटैक से मौत हुई जबकि लगभग 35 से अधिक मरीज ने ब्रेन स्ट्रोक से अपनी जान गवा दी है। JAH अस्पताल के कार्डियोलॉजी डिपार्टमेंट के एचओडी डॉ पुनीत रस्तोगी के मुताबिक उनके पास सर्दी के इस मौसम में हार्ट अटैक के अधिकतर ऐसे मरीज आ रहे हैं। जो अस्पताल में भर्ती होने से पहले ही दम तोड़ रहे हैं। कमोवेश यही हालत न्यूरोलॉजी डिपार्टमेंट में है। वहां भी ब्रेन स्ट्रोक के अधिकतर ऐसे मामले आ रहे हैं। जो अस्पताल पर पहुंचने से पहले ही मरीज अपनी दम तोड़ रहा है। फाइब्रिनोजेन हार्मोन के एक्टिव होने से ब्लड क्लॉटिंग बढ़ जाती है और इस कारण हार्ट अटैक के मामले और ब्रेन स्ट्रोक के मामलों में इजाफा होता है। वेदर में लगातार हो रहे परिवर्तन को लेकर चिकित्सकों का कहना है कि सर्दी के इस मौसम में खानपान का विशेष ख्याल रखें। अत्यधिक सर्दी में निकलते वक्त खासकर सुबह और शाम के वक्त दुपहिया वाहनों पर चलते वक्त शरीर को पूरी तरह से ढक कर रखें। ब्लड प्रेशर और हार्ट अटैक के मरीज चिकित्सक से समय-समय पर परामर्श लें। हरी सब्जियों का उपयोग करें। कुल मिलाकर हार्ट अटैक के बढ़ते मामले चिकित्सकों को भी परेशानी में डाले हुए हैं। डॉक्टर इस बात से भी हैरान है कि सर्दी की वजह से आ रहे हैं हार्ट अटैक और ब्रेन स्ट्रोक के केस अस्पताल की दहलीज पर पहुंचने से पहले ही मरीज को मौत के मुंह में ले जा रहे हैं।
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