ग्रीन बेल्ट बनाने का नियम क्या?:अफसर निरुत्तर, सांसद ने कलेक्टर से कहा- ऐसी बैठकों में मुझे मत बुलाया करो, समय खराब होता है

प्रस्तावित मास्टर प्लान-2035 को लेकर आई आपत्तियों के निराकरण के लिए मंगलवार को कलेक्टोरेट में बैठक हुई। इसमें सांसद-विधायक ने टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के अधिकारियों से मास्टर प्लान में प्रस्तावित की गई नई सड़कों व ग्रीन बेल्ट एरिया के बारे में पूछा तो टीएंडसीपी के अधिकारी कोई जवाब नहीं दे पाए।

वे मास्टर प्लान के बारे में सांसद-विधायक को कुछ बता ही नहीं पाए। इससे नाराज सांसद राजबहादुर सिंह ने बैठक में ही कलेक्टर से कहा कि मैं इस तरह की बैठकों में शामिल नहीं होना चाहता। यहां बुलाकर समय खराब करा रहे हो। सांसद ने टीएंडसीपी के अधिकारियों से कहा कि आपने मास्टर प्लान तैयार कर लिया और आपको कुछ पता ही नहीं है।

यदि कोई रोड मास्टर प्लान में प्रस्तावित किया गया है तो उसका कुछ तो कारण होना चाहिए। विधायक शैलेन्द्र जैन ने कहा कि मैं शहर में 14 साल से विधायक हूं। पहले कभी बैठकों में जिन सड़कों पर कोई चर्चा तक नहीं हुई, वे सड़कें आज अचानक कागजों में आ गईं और मास्टर प्लान में प्रस्तावित कर दी गईं।

उन्होंने अधिकारियों को फटकार लगाते हुए कहा कि अवैध कॉलोनियों को प्रमोट करने का काम न करें। सांसद-विधायक के बाद कलेक्टर भी चुप नहीं रहे। उन्होंने टीएंडसीपी के अधिकारियों से कहा कि यहां बैठकर शहर में हम कोई रफ वर्क थोड़ी न कर रहे हैं कि यहां बना दो और वहां मिटा दो।

आवश्यकता, इम्पैक्ट और कॉस्ट देखकर ही कोई भी चीज मास्टर प्लान में शामिल करना चाहिए। भाजपा नेता कमलेश बघेल ने कहा कि प्लान में कई रोड काल्पनिक हैं तो टीएंडसीपी के अधिकारियों ने इस पर आपत्ति जताई और कहा कि काल्पनिक शब्द का इस्तेमाल न करें। कलेक्टर ने कहा कि मैं भी इन सड़कों को काल्पनिक ही कहूंगा।

विधायक शैलेंद्र जैन बोले- मैं 14 साल से विधायक हूं, जिन सड़कों की कभी चर्चा ही नहीं हुई वे आज प्लान में अचानक कहां से आ गईं?

कलेक्टर आर्य ने कहा- यहां सड़क बना दो, यहां मिटा दो, यहां बैठकर शहर में कोई रफ वर्क थोड़ी न कर रहे हैं

मास्टर प्लान पर कुल 173 आपत्तियां, सबसे ज्यादा 103 ग्रीन बेल्ट बनाने को लेकर

मास्टर प्लान-2035 पर कुल 173 आपत्तियां आईं। इनमें से सबसे अधिक 103 आपत्तियां ग्रीन बेल्ट एरिया हटाने को लेकर आईं। सभी आपत्तियों को सुना गया और अब उन्हें भोपाल उच्च अधिकारियों के पास भेजा जाएगा। वहां से इनका अंतिम निराकरण किया जाएगा।

अधिवक्ता गिरधर पटेल ने बताया कि तिली व पंडापुरा क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट हटाने को लेकर 103 आपत्तियां लगीं थी। एनजीटी के नियम के मुताबिक तालाब के किनारे से सिर्फ 30 मीटर एरिया को ग्रीन बेल्ट रखा जाएगा। इस आधार पर सभी 103 आपत्तियां स्वीकार कर ली गई हैं। 1999 में लागू हुए मास्टर प्लान से तालाब की दक्षिण दिशा की ओर तिली-पंडापुर क्षेत्र में अभी 42 हेक्टेयर का एरिया ग्रीन बेल्ट में है।

मास्टर प्लान के नक्शे से रकबा गायब
मास्टर प्लान-2035 के नक्शे से अधिकारियों ने कई जमीनों के रकबे गायब कर दिए, जबकि राजस्व नक्शे में सभी रकबे दिख रहे हैं। बैठक में निर्णय लिया गया कि जिनकी जमीन एनआईसी एवं राज्य सरकार के नक्शों में अलग-अलग है, उनका नक्शा एक ही किया जाए।

यह भी निर्णय लिया गया कि सड़कों को विलोपित करने एवं नई सड़कों को बनाने के लिए जो भी आपत्तियां आई हैं, उनके लिए वरिष्ठ कार्यालय से मार्गदर्शन मांगा जाए और पुनः परीक्षण किया जाए। बैठक में महापौर संगीता तिवारी, डॉ. सुशील तिवारी, इंजीनियर प्रकाश चौबे, पुरुषोत्तम चौरसिया, निगम आयुक्त चंद्रशेखर शुक्ला, स्मार्ट सिटी सीईओ राहुल सिंह राजपूत, टाउन एंड कंट्री प्लानिंग के संयुक्त संचालक आरके पाण्डेय, सहायक संचालक अपूर्वा गंगराडे सहित अन्य लोग मौजूद रहे।

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