आल इंडिया 321 रैंक हासिल करने वाली प्रियांशी राय, 341 रैंक पाने वाले सुयश सोनी व 455 रैंक के साथ सफल किंजल सोंलकी ने कहा कि सफलता, मेहनत मांगती है। नीट की तैयारियों के लिए लक्ष्य तय कर पढ़ाई शुरू की। हर टेस्ट में गलतियों को सुधाकर आगे बढ़ेंगे तो आप हर मुकाम हासिल करेंगे।
सिलेबस को दोहराती रहती थीं
राजधानी आमा सिवनी निवासी प्रियांशी राय ने पहली बार में 321 रैंक हासिल की है। प्रियांशी ने बताया कि पिता डा. ए. राय (न्यूरो सर्जन) डा. मौ राय (कैंसर सर्जन) की तरह बेहतर डाक्टर बनाना चाहती हूं। इसके लिए दो साल पहले पढ़ाई शुरू की। हर दिन पांच से छह घंटे नीट की तैयारी करती। क्लास में जो बताया जाता, उसके नोट्स बनाकर घर फिर रिवीजन किया करती थी। एनसीआरटी के सिलेबस काफी मददगार साबित हुए। परीक्षा के तीन माह पहले दो साल में की पढ़ाई को दोबारा रिवीजन किया। प्रियांशी कहा कि वह मां-पापा की तरह बेहतर सर्जन बनकर लोगों की सेवा करना चाहती हूं।
बार-बार दिए टेस्ट, गलतियों को सुधारते रहे
नीट में आल इंडिया रैंक 341 अंक प्राप्त करने वाले रायपुर डीडी नगर निवासी सुयश सोनी ने बताया कि नीट में सफल होने के लिए लक्ष्य तय कर पढ़ाई शुरू की। पढ़ाई के लिए हर दिन सुबह लक्ष्य बनाते और उसे शाम तक पूरा करते। बार-बार टेस्ट देकर जो गलतियां सामने आतीं, उन्हें सुधारते। इससे सिलेबस जल्दी पूरा हो गया और तैयारियों के लिए अधिक समय मिला। नीट की तैयारियों में फिजिक्स की बार-बार प्रैक्टिस करते। वहीं बायो केमिस्ट्री के सवालों के जवाब याद करते। सुयश ने बताया कि उनके पिता मिनिट्री आफ डिफेंस में ज्वाइंट कंट्रोलर डा. सोमनाथ सोनी व डा. सावित्री सोनी ने हमेशा उत्साह बढ़ाया।
हर दिन आठ घंटे की पढ़ाई से मिली कामयाबी
रायपुर की किंजल सोंलकी ने नीट में आल इंडिया 455 रैंक हासिल किया है। किंजल ने बताया कि 11वीं से नीट की तैयारी शुरू कर दी थी। कोचिंग में पढ़ाई के बाद घर आकर फिर से तैयारियों में जुट जाती। नोट्स बनाकर पढ़ना ज्यादा पसंद था। एनसीआरटी के सिलेबस भी काफी मददगार साबित हुए। मैं हर दिन आठ घंटे की पढ़ाई करती।
किंजल ने बताया कि पिता डा. धीरज सोलंकी आंबेडकर अस्पताल (डीएम एंडोक्राइनोलाजिस्ट) व मां डा. अनुभा सोलंकी (पैथोलाजिस्ट) काफी गाइडेंस मिला। हमेशा माता-पिता से सुनती हूं कि मरीज की सेवा व उनके ठीक होने के बाद जो सुकून मिलता है। उससे बड़ी खुशी कुछ और नहीं। डाक्टर बनने के लिए यह बात हमेेशा मुझे उत्साहित करता रहा।