तकनीकी शिक्षकों टूटा सब्र, अब शासकीय संवर्ग में संविलियन के लिए उग्र प्रदर्शन की चेतावनी

संघ ने संविलयन में देरी के विरोध में बनाई आंदोलन की रणनीति। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही यदि संविलियन की कार्रवाई नहीं होती है, तो प्रदेश भर के तकनीकी शिक्षक विरोध प्रदर्शन करेंगे। इसके लिए सरकार को तैयार रहना चाहिए।

 

भोपाल मप्र तकनीकी शिक्षक संघ ने विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री व तकनीकी शिक्षा मंत्री को ज्ञापन सौंपा। संघ ने मांग की है कि मप्र तकनीकी शिक्षकों का शासकीय संवर्ग में संविलियन किया जाए।

 

प्रदेश तकनीकी संस्थानों में स्वशासी निकाय और संस्थाओं की गठित सोसायटी समाप्त कर सेवा भर्ती नियम- 2004 में नियुक्त शिक्षकों को शासकीय संवर्ग में संविलियन करने की तकनीकी शिक्षकों द्वारा लंबे समय से मांग की जा रही है, लेकिन इनकी फाइल एक विभाग से दूसरे विभाग में भेजी जा रही है। अब इन शिक्षकों का सब्र टूट रहा है। रविवार को तकनीकी शिक्षक संघ ने बैठक आयोजित कर उग्र आंदोलन की रणनीति बनाई। संघ के प्रदेश अध्यक्ष प्रो. उदय चौरसिया ने बताया कि शीघ्र ही क्रमिक आंदोलन की तारीख जारी की जाएंगी। प्रो. चौरसिया ने बताया कि तकनीकी शिक्षा विभाग के अधीन विभिन्न तकनीकी संस्थानों में संस्थाओं की गठित सोसायटी, स्वशासी निकायों एवं जन-भागीदारी समिति के माध्यम से स्वायत्तता प्रदान की गई थी तथा इसके अंतर्गत एवं सेवा भर्ती नियम 2004 प्रणाली के अंतर्गत शिक्षकों और अधिकारियों की नियुक्ति की गई थी। उन्होंने बताया कि सेवा भर्ती नियम 2004 लागू होने के उपरांत से ही समय पर नवीन भर्ती नहीं होने के कारण प्रदेश भर के तकनीकी संस्थानों में कर्मचारियों, अधिकारियों की भारी कमी है। विशेषकर इंजीनियरिंग और प्रदेश के नवीन पालीटेक्निक महाविद्यालयों में नाममात्र का स्टाफ शेष रह गया है। इसके साथ ही प्रदेश भर के तकनीकी संस्थानों में शासन के नियम समान रूप से लागू नहीं हो पाते हैं। इस कारण भारी विसंगतियां हो रही हैं। वहीं अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद अनुशंसित क्रमोन्नति के प्रकरण प्रदेशभर में लंबित हैं। इसका सीधा आर्थिक नुकसान प्राध्यापकों को हो रहा है। इन शिक्षकों को समूह बीमा योजना, स्थानांतरण पालिसी, चिकित्सा सुविधा, विभागीय प्रमोशन आदि का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि शीघ्र ही यदि संविलियन की कार्रवाई नहीं होती है, तो प्रदेश भर के तकनीकी शिक्षक विरोध प्रदर्शन करेंगे।

 

पालीटेक्निक कालेजों में खाली प्राचार्य पद को भरा जाए

संघ के उदय चौरसिया का कहना है कि जल्द ही पालीटेक्निक कालेजों में प्राचार्य के खाली पदों पर नियुक्ति की जाएगी। इसके लिए आवेदन आमंत्रित 25 अगस्त तक लिए गए हैं। अब तक प्राचार्य पद पर भर्ती नहीं की गई।इस संबंध में संघ ने सभी शासकीय (स्वशासी) एवं महिला पालीटेक्निक कालेज को पत्र लिखा गया है। इसे लेकर मध्यप्रदेश राजपत्र तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग मंत्रालय की अधिसूचना 23 अगस्त 2021 में मध्यप्रदेश तकनीकी शिक्षा पालीटेक्निक महाविद्यालय अध्यापन संवर्ग सेवा भर्ती नियम 2004 में संशोधन किए गए हैं। पालीटेक्निक कालेजों में प्राचार्य के खाली पदों पर शासकीय संवर्ग के ऐसे विभागाध्यक्ष अथवा प्रवर श्रेणी व्याख्याता जो कि प्राचार्य पद की निर्धारित योग्यता रखते हैं। उन्हें एआईसीटीई विनियम, 2019 में उल्लेखित चयन प्रक्रिया अनुसार पांच वर्ष के लिए नियुक्त किया जा सकता है।

 

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