Mahakal Lok: फ्रीहोल्ड कर बेची जाएंगी ‘श्री महाकाल लोक’ में बनाई 87 दुकानें, निगम होगा मालामाल

हार-फूल, प्रसाद, पूजन, क्राफ्ट एवं खाद्य सामग्री बेचने को दी जाएंगी। नगर निगम को उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी से दुकानें हस्तांतरित होने का इंतजार। दुकानें 30 साल के लिए लीज पर देने की बजाय फ्रीहोल्ड करने से निगम को अधिक आय होगी।

 

Mahakal Lok: ज्योतिर्लिंग महाकालेश्वर मंदिर के नवविस्तारित क्षेत्र ‘श्री महाकाल लोक” में उज्जैन स्मार्ट सिटी कंपनी द्वारा बनाई 87 दुकानों को बेचकर नगर निगम मालामाल हो जाएगा। निगम प्रशासन फ्रीहोल्ड कर दुकानें बेचने की तैयारी कर रहा है। 100 वर्ग फीट की एक दुकान की न्यूनतम कीमत 14 लाख रुपये तय की है। दुकान पाने के लिए शहर का हर व्यवसायी इच्छुक है। उनका कहना है कि दुकानों के आवेदन फार्म बेचकर ही नगर निगम एक करोड़ रुपये से ज्यादा कमा लेगा। दुकानें ई-नगर पालिका पोर्टल के माध्यम से निविदा आमंत्रित कर बेची जाएंगी। ये दुकानें हार-फूल, प्रसाद, पूजन, क्राफ्ट एवं खाद्य सामग्री बेचने को दी जाएंगी।

 

बता दें कि नगर निगम ने श्री महाकाल लोक की दुकानों को फ्रीहोल्ड कर बेचने का प्रस्ताव बनाया है। इ।में कहा गया है कि दुकानें 30 साल के लिए लीज पर देने की बजाय फ्रीहोल्ड करने से निगम को अधिक आय होगी। साथ ही समय पर किराया न मिलने, दुकान खाली कराने में आने वाली व्यावहारिक अड़चनों से भी निगम को मुक्ति मिलेगी। महाकालेश्वर मंदिर के पीछे के जिन 20 व्यापारियों की दुकानों को निगम ने हटाया था, उन्हें नियमों का पालन करते हुए बगैर निविदा में शामिल किए पुन: नई दुकानों में विस्थापित किया जाएगा। श्री महाकाल लोक की दुकानों के प्रथम तल पर रेस्टोरेंट बेचा जाएगा।

 

दुकान आवंटन में लगेगा एक- दो माह का वक्त

 

दुकानें आवंटित करने में कम से कम दो माह का वक्त लग सकता है। कारण, निविदा प्रक्रिया और फिर इसकी महापौर परिषद या नगर निगम परिषद से स्वीकृति मिलने में देरी होना रहेगी।

जिस भवन में हैं दुकानें, बाहर से है बेहद खूबसूरत

 

जिस भवन में दुकानें बनी हैं, वे बाहर से बेहद खूबसूरत है। दीवारों पर सुंदर नक्काशी है। सामने रुद्रसागर, हरे-भरे पौधे और भगवान शिव की स्थापित मूर्तियों का सुंदर नजारा है। परिसर पूरी तरह सुरक्षित है। प्रशासन ने यहां हर साल तीन करोड़ लोगों के आने का अनुमान जताया है।

श्री महाकाल लोक में बनी दुकानों को फ्रीहोल्ड कर बेचने का प्रस्ताव बनाया है। महापौर परिषद से मंजूरी मिलने पर निविदा निकाल दुकान आवंटित की जाएगी। निविदा में जो व्यक्ति अधिक कीमत देने का प्रस्ताव देगा, उसे ही दुकान मिलेगी।

 

– नीता जैन, अपर आयुक्त, नगर निगम

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