उल्लेखनीय है कि बानमोर कस्बे में तेज धमाके के साथ गुरुवार को एक मकान ढह गया था। आग में झुलसने और मलबे में दबने के कारण उसमें रह रहे किराएदार परिवार की मां-बेटी सहित सहित चार लोगों की मौत हो गई थी, जबकि छह घायलों की हालत बेहद नाजुक थी। हादसा पटाखों के बारूद या फिर जिलेटिन (डाइनामाइट) के कारण माना जा रहा है। क्योंकि घर का मुखिया पटाखे बनाने के साथ-साथ पत्थर खदानों पर भी ठेका लेता था। बानमोर के जैतपुर रोड पर पहाड़ी गांव के पूर्व सरपंच भूरा सिंह गुर्जर के मकान में करीब साढ़े तीन साल से जमील खां पुत्र मुन्नो खां निवासी गोहद किराए से रहता था। वह पटाखे बनाने का काम करता था। इसी मकान में गुरुवार 11 बजे के करीब तेज धमाका हुआ था, जिससे आसपास के क्षेत्र में आधा किलोमीटर दूर तक मकानों में कंपन महसूस किया। भूरा सिंह का एक मंजिला मकान मलबे का ढेर बन गया। पड़ोस में चार मकानों की दीवारों में भी दरारें आ गईं। घटना में जमील खां की पत्नी अन्नाो खान उम्र 38 वर्ष व 8 साल की बेटी जोया खान की मौत हो गई। बाहर बनी दुकान में निर्मल जैन किराना की दुकान करता है। यहां सामान लेने आया 7 वर्षीय विजय पुत्र दिलीप प्रजापति व 42 वर्षीय जितेन्द्र उर्फ पप्पू पुत्र महेन्द्र सिंह गुर्जर (मकान मालिक भूरा सिंह का भतीजा) भी जान गंवा बैठा। जमील खान के अलावा उसके चार बेटे सईद उम्र 20 वर्ष, आमीन उम्र 18 वर्ष, अरमान खान उम्र 12 वर्ष, नवीन उम्र 10 वर्ष और किराना दुकान संचालक निर्मल जैन गंभीर घायल हुए थे।