प्रेस्टीज प्रबंधन एवं शोध संस्थान के विधि विभाग द्वारा न्यायमूर्ति स्वर्गीय श्री एम ए शाह की स्मृति में 6वे राष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में माननीय न्यायमूर्ति श्री आनंद पाठक उपस्थित रहे। उन्होंने छात्रों को बताया कि छात्र जीवन में पढ़ना, घूमना, और पारस्परिक विचारविमर्श तीनों महत्वपूर्ण कारक हैं जिन्हें छात्र कानूनी ज्ञान को प्राप्त करने के साथ-साथ व्यवहारिक ज्ञान में भी अपना सकता है।
इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य वक्ता के रूप में श्री प्रेम सिंह भदोरिया अध्यक्ष मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद उपस्थित थे, उन्होंने बताया कि बार और बेंच के बीच में सामंजस्य ही न्याय सुलभ कराता है और इस बाबत बार एवं उसमें कार्यरत सभी अधिवक्ता अपने कर्तव्य के प्रति कटिबद्ध है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर पधारे श्री यावर अली शाह सीईओ एवं को-फाउंडर एएमए हर्बल सॉल्यूशंस ने बताया कि किस तरह वकीलों की न्याय जग के प्रति सेवा भाव सदैव ही प्रमुख रही है और इस क्षेत्र में छात्र बढ़ चढकर हिस्सा ले रहे हैं।
संस्थान के निदेशक प्रो डॉ निशांत जोशी ने बताया कि वकीलों के माध्यम से पक्षकार अपनी कानूनी समस्याओं को सुलझाने के लिए न्यायालय का सहारा लेते हैं इस बाबत वकीलों का कर्तव्य भी बनता है कि वह बदलते परिप्रेक्ष्य की जानकारी भी रखें। संस्थान की उपनिदेशिका डॉ तारिका सिंह सिकरवार ने बताया कि संस्थान में नियमित रूप से छात्र-छात्राओं की कानूनी व्यवहारिक ज्ञान पर भी जोर दिया जाता रहा है। कार्यक्रम में श्री हरिओम अवस्थी विधि विभाग उपस्थित थे। अंत में कार्यक्रम में धन्यवाद प्रस्ताव
श्री एफ ए शाह अधिवक्ता मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने किया उन्होंने बताया कि विधि क्षेत्र में बारीकियों को सीखने के लिए वकीलों की तरफ से छात्रों को भी आमंत्रित किया जाता है। उन्होंने अंत में सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया एवं स्मृति चिन्ह एवं स्मारिका भेंट की। कार्यक्रम में 350 से अधिक छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। मुख्य रूप से डॉ आकाश गुप्ता, सहायक प्राध्यापक आशीष यादव, सहायक प्राध्यापक अनुराग शर्मा, सहायक प्राध्यापिका चारु भारद्वाज, सहायक प्राध्यापिका ज्योति तोमर सहायक प्राध्यापक आबिल हुसैन उपस्थित रहे।