नेहरू युवा केंद्र मुरैना द्वारा संविधान दिवस पर कन्या महाविद्यालय मुरैना पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में कन्या महाविद्यालय मुरैना की प्राचार्य डॉ. श्रीमती भारतीय शुक्ला ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत का संविधान विश्व में सबसे विस्तृत और लिखित संविधान है। इसमें मौलिक अधिकार, न्यायपालिका की स्वतंत्रता, यात्रा, रहने, भाषण, धर्म, शिक्षा आदि की स्वतंत्रता निहित की गई एवं भारतीय संविधान लचीला और गैर लचीला दोनों ही तरह का है। समान नागरिक संहिता और आधिकारिक भाषाएं हैं। संविधान को तैयार करने के लिए 8 समितियां बनाई गई। उन्होंने कहा कि संविधान को तैयार करने में 2 वर्ष 11 माह 18 दिन का समय लगा था, इसलिए हम सबको संविधान की जानकारी होनी चाहिए, बड़े सम्मान के साथ संविधान दिवस को भी मनाया जाना चाहिए। इस अवसर पर डॉ. अनीता ने बताया कि भारत में 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा द्वारा स्वीकृत किया गया था, जो 26 जनवरी 1950 को प्रभाव में आया। डॉक्टर भीमराव अंबेडकर को भारत के संविधान का जनक कहा जाता है। पहले यह संविधान दिवस कानून दिवस के रूप में मनाया जाता है और अब संविधान दिवस के रूप में मनाया जाता।
कन्या महाविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. विनायक सिंह तोमर ने बताया कि संविधान में 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियां और इसके 25 भाग हैं। संविधान सभा के 284 सदस्यों ने 24 जनवरी 1950 को दस्तावेज पर हस्ताक्षर किए थे, फिर दो दिन बाद 26 जनवरी 1950 को इसे लागू किया गया था। कार्यक्रम में नेहरू युवा केंद्र के उपनिदेशक श्री राकेश सिंह तोमर ने कहा कि पहले हमारा यह देश जब स्वतंत्र हुआ था, तब यह पूरा देश 546 रियासतों में बंटा हुआ था और उन 546 रियासतों को एक करके फिर यह हमारा देश इतना विस्तृत देश लोकतांत्रिक देश बना और सभी को संविधान के तहत मौलिक अधिकार भी मिले। इस संविधान को लिखने में लगभग एक करोड रुपए का खर्चा आया था। कार्यक्रम में संविधान के ऊपर क्विज कंपटीशन भी कराया गया, जिसमें आरती प्रथम, मनु द्वितीय और मोहिनी तृतीय स्थान पर रही। इन सभी को मोमेंटो और प्रशस्ति पत्र प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन प्रोफेसर डॉ. विनायक सिंह तोमर ने किया। इस अवसर पर कार्यक्रम में उपस्थित डॉक्टर कल्पना शर्मा, डॉक्टर गुलबवाती पटेल, डॉक्टर अन्वेष उपाध्याय, डॉक्टर शिल्पा सिंह, डॉक्टर हेम सिंह, डॉक्टर मंजू उपाध्याय, डॉ प्रीति यादव, दिलीप सुमन, अंकित भटेले, गणपत सिंह बृजमोहन, राज और अमन मौजूद थे। कार्यक्रम का आभार श्री दिलीप सुमन ने किया।