ग्वालियर/पवित्र महीना रमजान के पहले जुमा के अवसर पर मस्जिदों में रोजेदारों की भीड़ उमड़ी। नमाज के दौरान मस्जिदें खचाखच भरी रहीं और अल्लाह की रजा में रमजान का पहला जुमा बीता।
मुकद्दस रमजान के पहले जुमा की नमाज के लिए मस्जिदों में भीड़ रही। शहर की मस्जिदो में जुमे की नमाज अकीदत के साथ अदा की गई। पूरा दिन इबादत-ए-इलाही में गुजरा। फर्ज नमाजों के साथ कसरत से नफ्ल नमाज अदा की गई। तिलावत-ए-कुरआन शरीफ की गई। तस्बीह व जिक्र के बीच पूरा जुमा रब को राजी करने में गुजरा।
शहर क़ाज़ी अब्दुल अज़ीज़ क़ादरी ने बताया कि रोजेदार खुशनसीब हैं। जिसके लिए हर रोज जन्नत सजाई जाती हैं। रोजेदार की मगफिरत के लिए दरिया की मछलियां दुआ करती हैं। रोजा सिर्फ भूखे रहने का नाम नहीं है बल्कि अपने नफ्स पर नियंत्रण का जरिया है। असल रोजा तो वह है जिससे अल्लाह राजी हो जाए। जब हाथ उठे तो भलाई के लिए, कान सुने तो अच्छी बातें, कदम बढ़े तो नेकी के लिए, आंख देखे तो जायज चीजों को।
इसके बाद इफ्तारी की तैयारी शुरू हो गई। लजीज व्यंजन व शर्बत से दस्तरख्वान सज गए। शाम को असर की नमाज पढ़ी गई। इफ्तार का इंतजार शुरू हुआ। इफ्तार 6 बजकर 33 मिनट पर हुआ। सभी ने खुदा का शुक्र अदा करते हुए रोजा खोला। रोजा खोलने के बाद मस्जिदों का रुख किया। मगरिब की नमाज अदा की। इसके बाद इशा व तरावीह की नमाज अदा की