रीवा/ गरीब, मजदूर और आदिवासी को ठगने का काम भाजपा और कांग्रेस और उनके सहयोगी दलों ने किया है इसीलिए बहुजन समाजवादी पार्टी किसी के साथ गठबंधन नहीं करती है। यह बात एसएएफ ग्राउंड में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित करते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कही। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से केंद्र सहित अधिकतर प्रदेशों में कांग्रेस की सरकार रही लेकिन उनके कार्यकाल में गरीब, मजदूर, आदिवासी और मुस्लिम परेशान होते रहे। इतना ही नहीं विगत 10 वर्षों से भाजपा भी केवल धन्नासेठों के लिए काम कर रही है।
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोग हिंदुत्व, जातिवाद एवं धर्म की संकीर्ण मानसिकता के साथ काम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा शासन काल में पूंजीवाद का उदय हुआ है। जिसमें गरीब, मजदूर, आदिवासी, मुस्लिम अल्पसंख्यक, पिछड़ा वर्ग सहित छोटे व मध्यम व्यापारी भी परेशान हैं। उन्होंने कहा कि इन्होंने एसटी-एससी कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण को प्रभावहीन बनाया है।मायावती ने कहा कि अगर देश में फ्री एंड फेयर इलेक्शन हों एवं ईवीएम में गड़बड़ी न की जाए तो देश में बदलाव की लहर दिख रही है। मैं दावे से कह सकती हूं कि इस बार गारंटी, जुमलेबाजी से काम नहीं चलने वाला।
बसपा कार्यकर्ताओं को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि आप किसी की जुमलेबाजी, अच्छे दिन की गारंटी के बहकावे में ना आएं। उन्होंने कहा कि इन्हीं पूंजीपतियों से लिए गए चंदे के पैसे से पूरी तरह से प्रचार प्रसार किया जा रहा है। बांड की रिपोर्ट में खुलासा भी हो चुका है कि यह अपना संगठन चलाते हैं और लोगों को भ्रमित कर उनसे वोट ले लेते हैं।
भाजपा पर हमलावर मायावती ने कहा कि वर्तमान केंद्र सरकार केंद्रीय जांच एजेंसी का इस्तेमाल अपने लिए कर रही है। जातिवादी, संप्रदायवादी हिंदुत्व एवं संकीर्ण विचारधारा के साथ भाजपा लगातार काम कर रही है। इनके द्वारा बनाई गई कृषि नीति को उदाहरण के तौर पर देखा जा सकता है।
किसान आज भी आंदोलनरत है। उन्होंने कहा कि आरएसएस के लोग गांव-गांव जाकर यह प्रचार कर रहे हैं कि मोदी जी ने खाद्य सुरक्षा के नाम पर उन्हें चावल आटा गेहूं और नमक दिया है। इसलिए मोदी जी का नमक खाया है तो वोट दो। मैं सबको बताना चाहती हूं कि वह खाद्य सुरक्षा के नाम पर जो अनाज दे भी रहे हैं वह आपके पैसे का है जो कि आपका अधिकार है। भाजपा शासन काल में न केवल बेरोजगारी बढ़ी है बल्कि छोटे एवं मध्यम व्यापारी दुखी एवं मजबूर हैं।
इसलिए घोषणा पत्र नहीं जारी करती बसपा
उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस अपने सहयोगी दलों को साथ लेकर तथा चुनावी घोषणा पत्र के साथ चुनाव प्रचार में लगे हैं। लेकिन सत्ता पर काबिज होने के बाद यह चुनावी घोषणा पत्र भुला दिया जाता है। इसीलिए बहुजन समाजवादी पार्टी चुनाव के पहले कभी घोषणा पत्र जारी नहीं करती है। हमारी पार्टी कहने में काम, करने में ज्यादा विश्वास रखती है इसका उदाहरण अगर आप देखना चाहते हैं तो उत्तर प्रदेश आइए। चार बार हमारे नेतृत्व में सरकार बनी और हमने जो काम करके दिखाया उसे कई पार्टियों आज अपना रही हैं।
कार्यकर्ताओं को दी नसीहत
देश के प्रमुख दो दल भाजपा और कांग्रेस इस चुनाव को साम दाम दंड भेद किसी भी प्रकार से जीतना चाहते हैं। आप लोग सतर्क हो जाइए। हवा हवाई बातों में ना आएं, मीडिया सर्वे एग्जिट पोल से चुनाव तक दूरी बनाकर रखें। जो कार्यकर्ता जहां के लिए अधिकृत है अपने क्षेत्र में पूरी मजबूती के साथ लग रहें। इस दौरान बसपा सुप्रीमो मायावती प्रत्याशियों से अलग से चर्चा भी की। मायावती ने इस दौरान रीवा में अभिषेक पटेल तथा सतना में नारायण त्रिपाठी को वोट देने की अपील भी की