ग्वालियर /कलेक्टर ग्वालियर श्रीमती रुचिका सिंह चौहान के निर्देशन एवं मार्गदर्शन में 1 से 7 अगस्त 2024 विश्व स्तनपान सप्ताह का शुभारंभ एवं कार्यशाला का आयोजन हुआ।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.के.राजौरिया ने बताया कि गुरुवार को विश्व स्तनपान सप्ताह दिनांक 1 से 7 अगस्त का शुभारंभ जिला चिकित्सालय मुरार ग्वालियर में हुआ , इस अवसर पर एक कार्यशाला का आयोजन भी किया गया ।
कार्यक्रम में उपस्थित वक्ताओं के द्वारा कार्यक्रम आईं गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के साथ-साथ नर्सिंग स्टाफ को स्तनपान के महत्व एवं उससे जुड़ी भ्रांतियां के बारे में जानकारी दी गई , इस अवसर पर सिविल सर्जन ग्वालियर डॉ.आर.के.शर्मा ने बताया गया कि स्तनपान शिशु के जन्म के पश्चात एक स्वाभाविक क्रिया है परंतु पहली बार मां बनने वाली माता को शुरू में स्तनपान के बारे में सही ज्ञान दिया जाना आवश्यक है स्तनपान शिशु का पहला आहार है जिससे की शिशु को वंचित नहीं करना चाहिए ।
जन्म के 1 घंटे के भीतर शिशु को स्तनपान शुरू करा देना चाहिए। मां का पहला पीला गाड़ा दूध कोलेस्ट्राम जिसे आम बोलचाल की भाषा में खीस कहा जाता है उसे अवश्य पिलाना चाहिए आमतौर पर यह धारणा है कि यह दूध खराब होता है इसे निकाल देना चाहिए परंतु वास्तविकता में यह शिशु के लिए बहुत अच्छा होता है, यह रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है। शिशु को रोगों से बचाता है। इस अवसर पर पूर्व पार्षद एवं समाज सेविका श्रीमती विधा देवी कौरव ने उपस्थित महिलाओं से कहा कि मां के दूध में बहुत ताकत होती है उन्होंने कहा कि हमारे समय में मां बच्चे को दो-तीन वर्षों तक दूध पिलातीं थीं और बच्चे तन्दरूस्त एवं 6 फिट के होते थे और लोग कहते थे कि मां का दूध पिया है तो आ जाओ, लेकिन आज की मां बच्चे को अपने स्वास्थ्य एवं सुन्दर दिखने के चक्कर में अपने बच्चों को दूध नहीं पिलाती हैं कृपया ऐसा न करें।
सहायक संचालक महिला एवं बाल विकास विभाग श्री राहुल पाठक ने कहा स्तनपान को लेकर कई तरह की भ्रान्तियां हैं जैसे मां बीमार हो तो उसे स्तनपान नहीं करना चाहिए सामान्य बीमारी में स्तनपान करा सकते हैं गंभीर बीमारी में डॉक्टर से परामर्श लेना चाहिए। कई महिलाओं को यह भ्रान्ति होती है कि यदि वह स्तनपान करायेंगी तो उनकी शारीरिक बनावट खराब हो जाएगी जबकि स्तनपान वजन कम करने में मदद करता है और स्तनपान से ब्रेस्ट कैंसर से बचाव होता है। स्तनपान से मां और शिशु के बीच भावनात्मक लगाव बनता है। सहायक अस्पताल प्रबंधक डॉ.बिरथरिया ने कहा कि मां का पहला दूध अवश्य लगाएं एवं प्रसव के एक घंटे के अन्दर दूध पिलायें।
श्री आई.पी.निवारिया जिला मीडिया अधिकारी ने कहा कि छः माह तक शिशु को केवल स्तनपान कराना चाहिए, उपरी दूध,शहद, घुट्टी, पानी आदि कुछ भी नहीं देना चाहिए क्योंकि मां के दूध से ही शिशु को पर्याप्त पोषण मिल जाता है। छः माह के बाद स्तनपान के साथ साथ उपरी आहार शुरू कर देना चाहिए।
जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्री विजय भार्गव ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम का संचालन डॉ आलोक पुरोहित आर एम ओ जिला चिकित्सालय मुरार ग्वालियर के द्वारा किया गया।
कार्यशाला में महिला बाल विकास विभाग के सीडीपीओ श्री राहुल पाठक, पूर्व पार्षद एवं समाज सेविका श्रीमती विधा देवी कौरव, सिविल सर्जन डॉ आर के शर्मा,आर.एम.ओ. डाॅ.आलोक पुरोहित, जिला मलेरिया अधिकारी डॉ. विनोद कुमार दोनेरिया, जिला क्षय अधिकारी डॉ. विजय पाठक, जिला एपिडेमियोलॉजीस्ट डॉ.महेन्द्र पिपरोलिया, जिला मीडिया अधिकारी श्री आई पी निवारिया, जिला कार्यक्रम प्रबंधक विजय भार्गव,सहायक अस्पताल प्रबंधक, आईईसी सलाहकार, अर्बन बीसीएम,पीएचएम, नर्सिंग स्टाफ, मेटरनिटी इंचार्ज जिला अस्पताल मुरार आदि अन्य स्टाफ उपस्थित रहे