योजनाओं की प्रगति संतोषजनक न पाए जाने पर कलेक्टर ने जताई नाराजगी
महिला-बाल विकास विभाग के कार्यक्रम अधिकारी, सहायक संचालक एवं चार बाल विकास
परियोजना अधिकारियों को मिलेंगे कारण बताओ नोटिस
योजनाओं की समीक्षा के साथ जिला बाल कल्याण समिति व टास्क फोर्स की भी हुई बैठक
ग्वालियर जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा आंगनबाड़ी केन्द्रों के
माध्यम से संचालित योजनाओं की प्रगति संतोषजनक न पाए जाने पर कलेक्टर श्रीमती
रुचिका चौहान ने सख्त रवैया अपनाया है।
उन्होंने विभागीय जिला कार्यक्रम अधिकारी एवं
सहायक संचालक सहित 4 बाल विकास परियोजना अधिकारियों को कारण बताओ नोटिस
जारी करने के निर्देश दिए हैं। कलेक्टर श्रीमती चौहान ने टेक होम राशन, पोषण ट्रेकर
एप्लीकेशन में ई-केवायसी व गर्भवती माताओं का पंजीयन सहित विभाग की अन्य योजनाओं
की विस्तार से समीक्षा की।
उन्होंने संबंधित विभागों से समन्वय बनाकर विभागीय योजनाओं
में प्रगति लाने के लिये विशेष प्रयास करने के निर्देश सभी संबंधित अधिकारियों को दिए।
शुक्रवार को कलेक्ट्रेट के सभागार में कलेक्टर श्रीमती चौहान की अध्यक्षता में जिला
बाल कल्याण समिति, जिला पोषण समिति, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के अंतर्गत गठित
जिला टास्क फोर्स एवं स्पाँसरशिप व फास्टर केयर योजना की समीक्षा बैठक भी आयोजित हुई।
बैठक में बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष श्री सोमेश महंत सहित समिति के अन्य सदस्यगण,
जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री विवेक कुमार, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक श्री
गजेन्द्र वर्धमान, किशोर न्याय बोर्ड के सदस्य श्री सुमंत शर्मा, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला
बाल विकास श्री धीरेन्द्र सिंह जादौन व सहायक संचालक श्री राहुल पाठक सहित जिले के सभी
बाल विकास परियोजना अधिकारी तथा संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद थे।
कलेक्टर श्रीमती चौहान ने महिला बाल विकास विभाग की योजनाओं की समीक्षा के
दौरान बाल विकास परियोजना डबरा के अंतर्गत 2 से 5 साल तक के बच्चों की वजन लेने की
उपलब्धि संतोषजनक न पाए जाने पर यहाँ के बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री अमित
यादव को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए।
इसी तरह टेक होम राशन की
समीक्षा के दौरान बाल विकास परियोजना मुरार व शहरी क्र.-4 में हितग्राहियों को कम
वितरण पाए जाने पर बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री सुनील शर्मा व श्रीमती दीपिका
रावत को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश उन्होंने दिए।
बाल विकास परियोजना
घाटीगाँव के अंतर्गत पोषण ट्रेकर एप्लीकेशन में हितग्राहियों के आधार पंजीयन और ई-
केवायसी की प्रगति ठीक न पाए जाने पर यहाँ के बाल विकास परियोजना अधिकारी श्री
ज्ञानेन्द्र शर्मा को कारण बताओ नोटिस जारी करने के निर्देश दिए गए हैं।
गर्भवती माताओं का शतप्रतिशत पंजीयन करने पर जोर देते हुए कलेक्टर श्रीमती
चौहान ने निर्देश दिए कि यह काम महिला बाल विकास व स्वास्थ्य विभाग आपसी समन्वय
बनाकर करें। साथ ही क्षेत्रीय एसडीएम एवं जनपद पंचायत सीईओ का भी इस काम में
सहयोग लें। उन्होंने यह भी निर्देश दिए कि जिले में कम वजन और कम ऊँचाई वाले बच्चों की
सूची नामवार ग्राम पंचायत को उपलब्ध कराई जाए, जिससे कुपोषण दूर करने के लिये
सामुदायिक स्तर पर लोगों को जिम्मेदारी दी जा सके। इसके लिये स्थानीय महिलाओं व
युवाओं को प्रोत्साहित किया जाए।
फुटपाथ पर आश्रय लेने वाली महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों से जोड़ें
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने ऐसी सभी महिलाओं को आंगनबाड़ी केन्द्रों से
जोड़कर विभाग की योजनाओं का लाभ दिलाने के निर्देश दिए जो फुटपाथ पर आश्रय लेकर
रहते हैं।
उन्होंने ऐसी महिलाओं को रैन बसेरा इत्यादि में आश्रय दिलाने पर भी बल दिया।
बाल देखरेख करने वाले संस्थाओं के बच्चों के आधारकार्ड बनवाएँ
जिला बाल कल्याण समिति की बैठक में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने जिले में
बाल देखरेख के लिये संचालित संस्थाओं में रह रहे सभी बच्चों को आधारकार्ड बनवाने के निर्देश
दिए।
उन्होंने कहा जिन बच्चों का कोई पता नहीं मिला है और वे लम्बे समय से बाल देखरेख
संस्थाओं में रह रहे हैं, उनका आधारकार्ड संबंधित तहसीलदार से प्रमाण-पत्र देकर बनवाया जा
सकता है। इन बच्चों को विभिन्न विभागों की योजनाओं से भी जोड़ें।
बाल कल्याण समिति की बैठक में कलेक्टर श्रीमती चौहान ने यह भी कहा कि पुलिस
का सहयोग लेकर बाल भिक्षावृत्ति उन्मूलन अभियान को सघनता से चलाएं। साथ ही
भिक्षावृत्ति करने वाले बच्चों को शिक्षा से भी जोड़ें। उन्होंने कहा जिले में भिक्षावृत्ति उन्मूलन
अभियान को प्रभावी ढंग से मूर्तरूप देने के लिये जिला बाल कल्याण समिति एक विस्तृत
कार्ययोजना तैयार करे।
पीसी-पीएनडीटी एक्ट का कड़ाई से पालन कराएँ
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के तहत गठित जिला स्तरीय टास्क फोर्स समिति की
बैठक में कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कहा कि जिले में कहीं भी बाल विवाह न होने
पाए।
साथ ही पीसी-पीएनडीटी एक्ट का कड़ाई से पालन करें, जिससे शिशु लिंगानुपात की
विषमता दूर हो सके।
सीएम बाल आशीर्वाद एवं स्पाँसरशिप योजना का लाभ हर पात्र बच्चे को मिले
कलेक्टर श्रीमती रुचिका चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना एवं
स्पाँसरशिप योजना का लाभ हर पात्र बच्चे को दिलाया जाए। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना
के तहत 18 वर्ष तक की आयु के ऐसे बच्चों को 4 हजार रूपए प्रतिमाह आर्थिक सहायता दी
जाती है, जिनके माता व पिता दोनों की मृत्यु हो चुकी है। इसी तरह स्पाँसरशिप योजना के
तहत 18 वर्ष तक की आयु वाले ऐसे बच्चों को 4 हजार रूपए प्रतिमाह सहायता दी जाती है,
जिनके पिता की मृत्यु हो चुकी है।