ग़ुलाम नबी आज़ाद: कांग्रेस की चार सरकारों में मंत्री रहे, फिर ये कड़वाहट क्यों

क़रीब दो साल से कांग्रेस से नाराज़गी ज़ाहिर कर रहे वरिष्ठ कांग्रेसी नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद ने आख़िरकार बेहद तल्ख़ भाषा का इस्तेमाल करते हुए पार्टी के सभी पदों और सदस्यता से इस्तीफ़ा दे दिया.

ग़ुलाम नबी आज़ाद का पार्टी छोड़ना तो हैरान नहीं करता लेकिन जो भाषा सोनिया गांधी को लिखे पांच पन्नों के पत्र में उन्होंने इस्तेमाल की है, वो ज़रूर हैरान करती है.

अपने पत्र में ग़ुलाम नबी आज़ाद ने राहुल गांधी के व्यक्तित्व और नेतृत्व को निशाने पर लिया है और कहा है कि ‘जैसे मनमोहन सिंह की सरकार रिमोट कंट्रोल से चलती थी वैसे ही कांग्रेस पार्टी रिमोट कंट्रोल से चल रही है.’

उन्होंने आरोप लगाया कि पार्टी में वरिष्ठ नेताओं की बात नहीं सुनी जाती है और अधिकतर फ़ैसले राहुल गांधी और उनके क़रीबी ‘पीए और गार्ड’ लेते हैं.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *