Parivartini Ekadashi : परिवर्तिनी एकादशी व्रत कल, भगवान विष्णु शयन के समय बदलते हैं करवट, मिलता है मोक्ष
भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पद्मा या परिवर्तनी कहते हैं।
परिवर्तिनी एकादशी 2022 मुहूर्त
06 सितंबर को परिवर्तिनी एकादशी व्रत के दिन प्रात:काल से ही आयुष्मान योग लग रहा है, जो सुबह 07 बजकर 57 मिनट तक रहेगा। उसके बाद से सौभाग्य योग लगेगा, जो 07 सितंबर को प्रात: 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। फिर शोभन योग शुरु हो जाएगा। इसके अलावा देखा जाए तो परिवर्तिनी एकादशी के दिन त्रिपुष्कर योग और रवि योग भी बन रहे हैं। रवि योग प्रात: 06 बजकर 39 मिनट से शाम 06 बजकर 19 मिनट तक है, वहीं त्रिपुष्कर योग 07 सितंबर को प्रात: 03 बजकर 42 मिनट से सुबह 04 बजकर 02 मिनट तक रहेगा।
रवि योग सभी संकटों को दूर करके सफलता प्रदान करता है। आयुष्मान, सौभाग्य और शोभन ये तीनों योग शुभ फल प्रदान करने वाले माने जाते हैं। इस प्रकार से देखा जाए तो परिवर्तिनी एकादशी का दिन पूजा पाठ की दृष्टि से बहुत ही फलदायी है।
परिवर्तिनी एकादशी व्रत का पारण
07 सितंबर के दिन व्रत का पारण करना चाहिए। इस दिन पारण का समय सुबह 08 बजकर 19 मिनट से सुबह 08 बजकर 49 मिनट तक है।
परिवर्तिनी एकादशी व्रत का महत्व
परिवर्तिनी एकादशी व्रत रखने और भगवान विष्णु की पूजा करने से समस्त पापों का नाश होता है और वाजपेय यज्ञ के समान पुण्य फल प्राप्त होता है। इस दिन वामन अवतार की पूजा करने से मृत्यु के पश्चात व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है।