Lumpy Skin Disease: मध्‍य प्रदेश के 18 जिलों में फैली लम्पी बीमारी, अब तक छह हजार से ज्यादा मामले

Lumpy Skin Disease: लम्पी बीमारी से खंडवा में सबसे ज्यादा 1035 गोवंशी हुए प्रभावित।बचाव के लिए दो लाख 13 हजार मवेशियों को लगाई जा चुकी है गोटपाक्स वैक्सीन। संक्रमितों की संख्या और संक्रमण दर अन्य राज्यों के मुकाबले कम।

Lumpy Skin Disease: भोपाल (राज्य ब्यूरो)। प्रदेश में गोवंश‍ियों में फैली लम्पी बीमारी से अब तक 18 जिलों के छह हजार से ज्यादा पशु संक्रमित हो चुके हैं। इनमें 4460 यानी 69 प्रतिशत मवेशी स्वस्थ हो चुके हैंं। पशु चिकित्सा विभाग के आंकड़ों के मुताबिक सिर्फ 80 मवेशियों (प्रभावितों में 1.22 प्रतिशत ) की मौत हुई है। हालांकि, अपुष्ट जानकारी के मुताबिक करीब तीन हजार की मौत हो चुकी है। संक्रमितों की संख्या और संक्रमण दर अन्य राज्यों के मुकाबले कम होने की वजह टीकाकरण भी है।

प्रभावित जिलों में दो लाख 13 हजार पशुओं का टीकाकरण किया जा चुका है। इन्हें गोट पाक्स वैक्सीन लगाई जा रही है जो लम्पी वायरस में भी काफी हद तक प्रभावी है। भारत सरकार ने लम्पी वायरस से बचाव के लिए स्वदेशी टीका भी तैयार कर लिया है, लेकिन मध्य प्रदेश में अभी इसे लगाने की शुरआत नहीं हुई है।

प्रदेश में सबसे पहले रतलाम में चार अगस्त को लम्पी का मामला सामने आया था। तब से अभी तक 1590 गांव इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं। सबसे ज्यादा 1035 मामले खंडवा में सामने आए हैं। इस बीमारी से गोवंशी ही प्रभावित हैं। प्रभावित जिलों में बीमारी की पुष्टि के लिए मवेशियों के ब्लड के सैंपल जांच के लिए भोपाल स्थित उच्च सुरक्षा पशु रोग अनुसंधान प्रयोगशाला (निशाद) भेजे जा रहे हैं। यहां अभी तक 322 सैंपल जांचें गए हैं, इनमें 47 संक्रमित मिले हैं। इस तरह जांचे गए सैंपलों में 14 प्रतिशत संक्रमित मिले हैं। अन्य राज्यों से भी यहां पर सैंपल आ रहे हैं। अभी तक 27 राज्यों में इस बीमारी की पुष्टि हो चुकी है।

यह रखें सावधानी

— प्रभावित पशुओं के शरीर में गठानें निकलती हैं। नाक से पानी आने के साथ ही बुखार आता है। इस तरह के लक्षण दिखने पर जितना जल्दी हो सके मवेशी को अलग रखें।

— मच्छर और मक्खियों से यह बीमारी दूसरे पशु तक पहुंचती है, इसलिए जहां पशु को रखा गया है वहां अच्छी सफाई रखें। धुआं करें, जिससे मच्छर और मक्ख्यिा भाग जाएं।

— प्रभावित राज्यों या जिलों के लोग बीमारी के डर से मवेशी बेच रहे हैं, लेकिन कम कीमत के फेर में अभी मवेशी नहीं खरीदें।

प्रभावित क्षेत्रों के लोग गाय का दूध बिना उबाले उपयोग नहीं करें।

— मवेशियों को एक से दूसरे क्षेत्र में लेकर न जाएं।

प्रभावित जिले

— लैब से पुष्टि वाले जिले – रतलाम, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, इंदौर, खंडवा और बैतूल।

–जिले जहां लक्षण के आधार पर सामने आए मामले- आगर मालवा, झाबुआ, धार, बुरहानपुर, आलीराजपुर, खरगौन, बड़वानी, हरदा, भिंड, मुरैना और श्योपुर।

इनका कहना है

 

 

पहले की तुलना में संक्रमण दर कम हुई है। मामले भी कम हो रहे हैं। अभी तक सात जिलों में लैब से बीमारी की पुष्टि हो चुकी है। मौत की दर करीब एक प्रतिशत है । यह अन्य प्रभावित राज्यों की तुलना में मृत्यु दर कम है। इंसानों में यह बीमारी आने का खतरा नहीं है।

डा. आरके मेहिया, संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं

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