पिछले स्वच्छ सर्वेक्षण में वाटर प्लस सिटी व स्टार रेटिंग में पिछड़ा था भोपाल, अब इसी पर फोकस के जरिए रैंकिंग सुधरने की उम्‍मीद

नगर निगम के अधिकारियों ने बीते वर्ष से सीख लेते हुए वाटर प्लस सिटी के लिए सारे प्रयास किए हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे शहर को थ्री स्टार से फाइव स्टार रेटिंग मिल सकती है। साथ ही स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग में भी सुधार हो सकता है।

स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में भोपाल को सातवीं रैंक मिली थी। वाटर प्लस सिटी और स्टार रेटिंग में कम अंक मिलने की वजह से भोपाल स्वच्छता की रैंकिंग में पिछड़ गया था, लेकिन इस बार नगर निगम के अधिकारियों ने बीते वर्ष से सीख लेते हुए वाटर प्लस सिटी के लिए सारे प्रयास किए हैं। अधिकारियों को उम्मीद है कि इससे शहर को थ्री स्टार से फाइव स्टार मिल सकता है। साथ ही स्वच्छ सर्वेक्षण की रैंकिंग में भी सुधार हो सकता है।

बता दें कि पिछले वर्ष केंद्रीय स्वच्छता टीम ने राजधानी में सीवेज कनेक्शन, नाले-नालियां का चैनलाइजेशन और जलाशयों की सफाई नहीं होने से सर्वेक्षण में कम अंक दिया था, लेकिन इस बार नगर निगम ने इन सभी मापदंडों को पूरा कर लिया है, जिससे भोपाल भी वाटर प्लस सिटी बन सके। इसके लिए शहर में सीवेज की पाइप लाइनें बिछाई गई हैं। लोगों के घरों का कनेक्शन इन पाइप लाइनों से जोड़ा जा रहा है। जलाशयों में सीवेज के पानी को मिलने से रोकने के लिए नौ आधुनिक एसटीपी बनाए गए हैं। जिससे करोड़ों लीटर गंदे पानी को स्वच्छ कर इसका उपयोग पार्क और पेड़ों को पानी देने में किया जा रहा है। नाले-नालियों का चैनलाइजेशन किया गया है। जलाशयों की बेहतर साफ-सफाई की गई है। ये सभी मापदंड किसी शहर को वाटर प्लस बनने के लिए जरूरी है। इससे स्टार रेटिंग पर भी असर होगा। अधिकारियों को उम्मीद है कि भोपाल को पिछली बार थ्री स्टार रेटिंग मिली थी, लेकिन सुधार होने के बाद फाइव स्टार रेटिंग मिल सकती है।

7500 अंकों का सर्वेक्षण
स्वच्छ सर्वेक्षण 2021 में 6000 अंकों की परीक्षा थी, जबकि इस बार यह 7500 अंकों का है। इसमें जनता से फीडबैक, खुले में शौच, डोर-टू-डोर कचरा कनेक्शन, सौंदर्यीकरण, पोर्टल में दस्तावेज अपलोड करने समेत नवाचार के अंक शामिल हैं।
नगर निगम ने कचरे के सेग्रीगेशन, कलेक्शन, प्रोसेसिंग से लेकर वाटर प्लस सिटी और सेवन स्टार रेटिंग से संबंधित सभी दस्तावेज निर्धारित समय पर अपलोड कर दिया था। वहीं पिछली बार शहरवासियों ने सिटीजन फीडबैक भी देने में कमजोरी दिखाई थी। इस बार सिटीजन फीडबैक के 2250 अंक निर्धारित किए गए हैं। नगर निगम ने समाजसेवी संस्थाओं के साथ मिलकर रहवासियों को फीडबैक देने के लिए अभियान चलाया था।
गांधी जयंती के अवसर पर जारी होगा सर्वेक्षण का रिजल्ट
दो अक्टूबर गांधी जयंती के अवसर पर शहरी विकास मंत्रालय स्वच्छता सर्वेक्षण-2022 का परिणाम घोषित करने जा रहा है। मंत्रालय पिछले साल का परिणाम घोषित करने से पहले ही 2023 की गाइड लाइन जारी कर चुका है। बता दें कि भोपाल समेत देशभर के 4355 शहरों की स्वच्छ सर्वेक्षण-2022 की फाइनल रिपोर्ट तैयार हो चुकी है।
भोपाल को स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 में नंबर वन बनाने के लिए काफी प्रयास किया गया है। हमने अपनी कमजोरियों को दूर किया है। वाटर प्लस के शत प्रतिशत अंक भोपाल को मिल सकते हैं। वहीं स्टार रेटिंग भी सुधरने की उम्मीद है।
– एमपी सिंह, अपर आयुक्त, नगर निगम भोपाल

 

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