Indore News : इंदौर में तीन सौ करोड़ रुपये कीमती जमीन की जांच में घिरे क्राइम ब्रांच के टीआइ

Indore News : इंदौर क्राइम ब्रांच के टीआइ धनेंद्रसिंह भदौरिया अफसरों को दरकिनार कर खुद कारोबारी और बिल्डरों को नोटिस देने लगे थे, एक नेता के रिश्तेदार को दोबारा नोटिस देने के बाद मामला गर्माया और सीएम तक शिकायत पहुंची।

Indore News : इंदौर क्राइम ब्रांच टीआइ धनेंद्रसिंह भदौरिया 300 करोड़ रुपये कीमती जमीन की जांच करने में घिर गए हैं। अफसरों को बायपास कर कारोबारी और बिल्डरों को नोटिस देने लगे थे। पांच मामले तो सांसद शंकर लालवानी खुद मुख्यमंत्री को बता चुके थे। इसमें दो प्रकरण छोटा बांगड़दा और निपानिया क्षेत्र के हैं। कुछ केस ऐसे भी हैं जिनका इंदौर से कोई लेना-देना नहीं था, लेकिन टीआइ ने सीधे एफआइआर दर्ज कर ली।

खरगोन का केस, क्राइम ब्रांच में एफआइआर

 

28 जून को क्राइम ब्रांच में हिमांशु पाठक, शुभा, वसुंधरा, रेखा पटेल, कुशल पटेल, अर्पित बनकर, दिलीप राठौर के खिलाफ 40 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया। यह मामला टीक्यूसर्ट प्रा.लि. के कर्ताधर्ताओं से जुड़ा हुआ था। आरोप है कि प्रकरण खरगोन का होने के बाद भी घटनास्थल गोपुर चौराहे का दर्शा कर टीआइ ने सीधे एफआइआर कर ली। पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र ने एसीपी स्तर के अफसर को जांच सौंपी और केस में खात्मा लगवाया।

छोटा बांगड़दा की जमीन में धमकाने का आरोप

 

सुपर कारिडोर (छोटा बांगड़दा) स्थित करोड़ों रुपयेकी जमीन को लेकर भी टीआइ विवादों में रहे। अफसरों की बगैर मंजूरी के सुनील अवस्थी, जितेंद्र, अनिल और नितिन के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। आरोपितों ने हाई कोर्ट में एक रिकार्डिंग पेश कर बताया कि टीआइ ने उन्हें धमकाया था। मामले की भी पुलिस आयुक्त को शिकायत की गई।

नेता के रिश्तेदार को दिया नोटिस

ताजा मामला निपानिया क्षेत्र की 300 करोड़ से ज्यादा कीमती जमीन का है। थाना प्रभारी ने इस मामले में एक बिल्डर को नोटिस जारी कर दिया था जो कद्दावर नेता का रिश्तेदार है। नेता ने इस मामले में टीआइ से बैठक की और हल निकालने की सलाह दी। टीआइ द्वारा दोबारा नोटिस देने पर मामला गर्माया और मुख्यमंत्री को शिकायत हो गई।

लाइन अटैच होते ही वापस लौट आए टीआइ

शिकायतों के चलते अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) राजेश हिंगणकर ने भदौरिया को लाइन अटैच कर दिया था। टीआइ एक सप्ताह के भीतर पुलिस आयुक्त के मौखिक आदेश से थाना लौट आए। इस बार उन्होंने अतिरिक्त पुलिस आयुक्त और उपायुक्त को रिपोर्टिंग करना बंद कर दी। पुलिस आयुक्त हरिनारायणाचारी मिश्र का कहना है कि मौखिक शिकायतें मिली हैं। डीसीपी (अपराध) जांच कर रहे हैं। सख्त कार्रवाई की जाएगी।

 

 

 

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