Mahakal Lok Ujjain:

Mahakal Lok Ujjain: जानिए हर उस प्रश्न का उत्तर, जो उज्जैन में नवनिर्मित महाकाल लोक को लेकर आपके मन में उठ सकता है। इंदौर, भोपाल सहित देश-प्रदेश के किसी भी शहर से उज्जैन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को हरिफाटक ओवरब्रिज पर पहुंचना होगा।

Mahakal Lok Ujjain: जानिए हर उस प्रश्न का उत्तर, जो उज्जैन में नवनिर्मित महाकाल लोक को लेकर आपके मन में उठ सकता है

ऐसे पहुंचे उज्जैन के महाकाल लोक

 

इंदौर, भोपाल सहित देश-प्रदेश के किसी भी शहर से उज्जैन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को हरिफाटक ओवरब्रिज पर पहुंचना होगा। यहां से त्रिवेणी संग्रहालय की ओर उतरना होगा। संग्रहालय के पास से ही नवनिर्मित महाकाल लोक का प्रवेश मार्ग है। करीब 150 मीटर चलने के बाद महाकाल लोक का नव्य-भव्य प्रवेश द्वार दिखाई देगा। इससे प्रवेश करने के बाद श्रद्धालुजन महादेव शिव की गाथा कहती प्रतिमाओं के दर्शन कर सकेंगे। इस परिसर में पैदल टहलते, प्रतिमाओं के दर्शन करते हुए श्रद्धालु महाकाल मंदिर पहुंच सकेंगे। बुजुर्गों, अशक्तों के लिए इलेक्ट्रिक गाड़ियों की व्यवस्था है।

 

महाकाल लोक की विशाल दीवार पर भित्ति चित्र (म्यूरल) बने दिखेंगे। इनमें देवाधिदेव महादेव, मां पार्वती, भगवान कार्तिकेय व भगवान गणेश की कथाओं के दर्शन होंगे।

2 – त्रिवेणी संग्रहालय, जहां उज्जयिनी के 5000 वर्ष पुराने इतिहास के दस्तावेज, प्राचीन प्रस्तर प्रतिमाएं आदि देख सकते हैं। यह संग्रहालय इतिहास, पुरातत्व और धर्म के प्राचीन स्वरूप का अध्ययन करने वालों के लिए किसी ‘स्वर्ग’ से कम नहीं। यहां उज्जयिनी के प्राचीन स्वरूप पर शोध भी किया जा सकता है।

 

920 वर्गमीटर के महाकाल लोक में यही हिस्सा ऐसा है, जहां शेड अर्थात छांव वाली जगह है। श्रद्धालु महाकाल लोक के दर्शन करते समय कुछ देर के लिए यहां सुस्ता सकते हैं और रुद्र सागर के शीतल जल को छूकर आती ठंडी बयार का आनंद ले सकते हैं।

4 – महाकाल लोक से महाकाल मंदिर की ओर जाने वाला गलियारा। श्रद्धालु इससे होकर, इसमें बनी प्रतिमाओं के दर्शन करते हुए आगे की ओर बढ़ेंगे।

5 – इस हिस्से में समुद्र मंथन, मार्कण्डेय ऋषि की रक्षा सहित महादेव की अन्य कथाओं की प्रतिमाएं हैं। यह भाग श्रद्धालुओं को पौराणिक लोक में ले जाएगा

 

महाकाल लोक का अंतिम सिरा, जो महाकाल मंदिर के पृष्ठभाग पर आकर समाप्त होगा। यहां से महाकाल मंदिर में प्रवेश के लिए द्वार भी बना है।

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