करवाचौथ पर महिलाओं को लुभा रही राजस्थानी मेंहदी, एक दिन पहले से शहरभर में लगे मेंहदी के स्टाल

करवाचौथ के एक दिन पहले से ही शहरभर के मुख्य बाजारों में मेंहदी की स्टाल सज गई है । महिलाओं में भी मेंहदी लगवाने को लेकर अच्छा खासा उत्साह देखने को मिल रहा है । मेंहदी लगवाने के लिए महिलाओं की भीड एक दिन पहले से ही मेंहदी की स्टालोंपरदिखनेलगी।

ग्वालियर करवाचौथ के एक दिन पहले से ही शहरभर के मुख्य बाजारों में मेंहदी की स्टाल सज गई है । महिलाओं में भी मेंहदी लगवाने को लेकर अच्छा खासा उत्साह देखने को मिल रहा है । मेंहदी लगवाने के लिए महिलाओं की भीड एक दिन पहले से ही मेंहदी की स्टालों पर दिखने लगी है । सिर्फ मेंहदी ही नहीं बल्कि कोस्मेटिक्स की दुकानों और ब्यूटी पार्लर पर भी काफी भीड देखी जा रही है । करवाचौथ के दिन होने वाली भीड को ध्यान में रखकर महिलाओं ने एक दिन पूर्व ही पार्लर पर बुकिंग करवा ली है । गोविंदपुरी पर मेंहदी लगा रहीं पूनम ने बताया कि अधिकतर महिलाऐं करवाचौथ से एक दिन पहले ही मेंहदी लगवा लेती हैं । हालांकि फिर भी करवाचौथ को पूरे दिन महिलाओं का आना जाना लगा ही रहता है । मेंहदी को लेकर पसंद के बारे में पूछने पर पता चला कि इन दिनों शैडेड, मंडला और राजस्थानी डिजाइन की मेंहदी महिलाओं को अधिक लुभा रही है। वहीं दूसरी ओर सिंपल मेंहदी भी चलन में है । श्रंगार के साथ-साथ पूजापाठ के बाजार में भी चहल पहल है । महिलाऐं त्यौहार की पूजा को लेकर अपनी पसंद के हिसाब से जमकर खरीददारी कर रही हैं।

मेंहदी की है चार रेंज-

 

बाजार में मेंहदी लगवाने की चार रेंज मौजूद हैं। दोनाें हाथों पर मेंहदी लगवाने के लिए 200 रुपये से शुरू होकर यह रेंज 300, 350 और 500 रुपये तक मौजूद है। वहीं यदि कोई महिला हाथों के साथ-साथ पैरों पर भी मेंहदी लगवाता है तो यह कीमतें लगभग दो गुनी हो जाती है । बता दें कि कीमतों के हिसाब से मेंहदी की गुणवत्ता में भी फर्क मिलेगा ।

पार्लरों की हो रही है एडवांस बुकिंग-

 

न्यू सिटी सेंटर क्षेत्र में ब्यूटी पार्लर चला रहीं निधि बताती हैं कि करवाचौथ पर महिलाएं खूब सजती-संवरती हैं इसके लिए वह पहले ही पार्लर पर बुकिंग करवा लेती हैं। ऐसे में सुबह जल्दी भी काम शुरू किया जाए फिर भी काफी रात तक महिलाएं आती रहती हैं।

यह है मान्यताऐं-

 

माना जाता है कि करवा चौथ में सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए उपवास करती हैं। सुबह चार बजे सास की दी हुई सरगी करके व्रत रखती हैं और शाम में चांद की पूजा करती हैं। फिर पति और चांद की आरती उतारकर अपना व्रत खोलती हैं। श्रृंगार महिलाओं के सुहाग की निशानी होता है इसलिए सुहागिनों का कोई भी पर्व सोलह श्रृंगार के बिना अधूरा माना जाता है। ऐसे में करवा चौथ के मौके पर कपड़े, गहने, सिंदूर, मंगलसूत्र, आलता आदि के साथ ही हथेली पर मेहंदी लगाने की परंपरा भी है। महिलाएं हाथों पर पति के नाम की मेहंदी रचाती हैं, जिसका रंग पति के प्रेम की गहराई को दर्शाता है।

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