Diwali Lighting: दीपावली पर इमारतों को रोशन करने के लिए छात्राओं ने बनाई झालर
Diwali Lighting: दीपावली पर इमारतों को रोशन करने वाली इन झालरों का प्रदर्शन किया। छात्राओं ने स्वदेशी झालर बनाई है। इन्हें सरकारी विभागों में लगाने के लिए दिया गया है। इसके चलते छात्राओं को स्वरोजगार को बढ़ावा देना है।
Diwali Lighting: रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से वासुमित्र समाज सेवा समिति ने कालेजों की छात्राओं को तकनीकी प्रशिक्षण दिया। इसके तहत छात्राओं को स्वदेशी बिजली की झालर बनाना सिखाया। दस दिन का शिविर कालेजों में लगाया, जिसमें अधिकांश माता जीजाबाई कन्या अनुसूचित जनजाति होस्टल की छात्राएं है। शिविर के दौरान बनाई विद्युत झालर की प्रदर्शनी लगाई गई।
गुरुवार को देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के नालंदा परिसर में दीपावली पर इमारतों को रोशन करने वाली इन झालरों का प्रदर्शन किया। उद्घाटन करने आई कुलपति डा. रेणु जैन ने कहा कि स्कील इंडिया प्रोग्राम को लेकर विद्यार्थियों को कौशल आधारित प्रशिक्षण लेना चाहिए। ताकि स्वरोजगार के अवसर बढ़ते हैं। इन दिनों कई शैक्षणिक संस्थान और समाजिक संगठन यह तकनीकी प्रशिक्षण देने का कार्य करने में लगे है। समिति की सदस्य ग्रीष्मा त्रिवेदी और उर्मिला मुजाल्दे ने बताया कि जनजाति बच्चियों ने बनाई गई दिवाली के दीये, साज सज्जा व आकर्षक बिजली की झालरों की प्रदर्शनी लगाई गई।
करीब 30 छात्राओं ने दस दिन के भीतर झालर बनाई। ग्रीष्मा ने बताया कि छात्राओं ने स्वदेशी झालर बनाई है। इन्हें सरकारी विभागों में लगाने के लिए दिया गया है। इसके चलते छात्राओं को स्वरोजगार को बढ़ावा देना है। शिवानी मंडलोई, गीता मेड़ा, उर्मिला मुजाल्दे और 50 छात्राओं ने मिलकर यह सभी सामग्री बनाई और उद्यमिता का प्रशिक्षण भी लिया। मौके पर डा. निशांत खरे, एमवाय अधीक्षक डा. पीएस ठाकुर और विश्वविद्यालय के अधिकारी- कर्मचार उपस्थित थे।
झुग्गी बस्तियों में बांटे उपहार
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (डीएवीवी) के आइआइपीएस का सोशल कनेक्ट क्लब सेतु ने उपहार डोनेशन ड्राइव अभियान चला रखा है। 27 सितंबर से 27 अक्टूबर तक संस्थान के सभी छात्र, शिक्षक, अधिकारी एवं कर्मचारियों तेजाजी नगर स्थित झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को दीपावली का उपहार कपड़े, पटाखे व मिठाई वितरित की गई। निदेशक डा. बीके त्रिपाठी ने बताया कि महीनेभर चलने वाले अभियान के तहत अलग-अलग बस्तियों में जाकर उपहार बांटे गए है।