मध्‍य प्रदेश में हुक्का बार बंद हुए तो डार्क वेब पर नशे का सौदा करने लगे युवा

साइबर पुलिस हैरान, डार्क वेब के सर्वर की डिटेल खोजना आसान नहीं। साइबर पुलिस के अनुसार म्यांमार, बांग्लादेश, नेपाल के ड्रग्स माफिया के लिए मप्र ड्रग डील का बड़ा केंद्र बन रहा है। हाल में दिल्ली स्पेशल सेल ने अफगानिस्तानी पैडलर के पूरे नेटवर्क का खुलासा किया था।

मध्य प्रदेश में दो अक्टूबर से शुरू हुए नशामुक्ति अभियान में पुलिस ने हुक्का बार पर सख्ती से रोक लगा दी है। स्थानीय ड्रग्स डीलरों और नशे के तस्करों पर शिकंजा भी कसा गया है, लेकिन नशे के शिकार युवाओं और अवैध कारोबारियों ने इसका तोड़ डार्क वेब के रूप में निकाल लिया है।

डार्क वेब पर नशा का सौदा होने की जानकारी साइबर क्राइम पुलिस को मिली है लेकिन इसके सर्वर का व्योरा जुटाना पुलिस टीम के लिए बड़ी चुनौती का काम है। साइबर क्राइम पुलिस मानती है कि डार्क वेब एक ऐसा इंटरनेट माध्यम है, जिसके जरिए ड्रग, हथियार, हैकिंग, टेरर फंडिंग जैसे गैरकानूनी काम होते हैं। प्रारंभिक जांच पड़ताल में पुलिस को जानकारी मिली है कि डार्क वेब के जरिए गांजा समेत नशा का सामान मध्य प्रदेश में हैदराबाद व नेपाल से पहुंचाया जा रहा है।

 

भोपाल पुलिस पूर्व में तीन छात्रों को गिरफ्तार कर चुकी है। ये निजी इंजीनियरिंग कालेज के छात्र थे, जो डार्क वेब के माध्यम से ड्रग की सप्लाई करने में लगे हुए थे।

यह होता है डार्क वेब

साफ्टवेयर विशेषज्ञ अतुल सिंह ने बताया कि आम तौर पर इंटरनेट की दुनिया का सिर्फ 10 प्रतिशत हिस्सा इस्तेमाल किया जाता है। इसे सरफेस वेब कहते हैं। बाकी का 90 प्रतिशत हिस्सा डार्क वेब है। ये सर्च इंजन पर लिस्टेड नहीं होता है अर्थात यहां चल रहीं वेबसाइट आदि को सीधे सर्च ही नहीं किया जा सकता।

डार्क वेब को इस्तेमाल करने के लिए एक खास ब्राउजर की जरूरत होती है। टार जैसे टूल से डीप डाइव कर इस हिस्से तक पहुंचा जा सकता है, जिसे एक्सेस करना भी अवैध है। क्रिमिनल डार्क वेब के जरिए म्यांमार, बांग्लादेश, रूस से लेकर भारत में आनलाइन ड्रग्स तलाश करने वालों की सूची तैयार करते हैं। संपर्क होने के बाद डील पक्की होती है। यहां लेनदेन बिटकाइन में होता है।

ड्रग डील का बड़ा केंद्र बन रहा मप्र

साइबर पुलिस के अनुसार म्यांमार, बांग्लादेश, नेपाल के ड्रग्स माफिया के लिए मप्र ड्रग डील का बड़ा केंद्र बन रहा है। हाल में दिल्ली स्पेशल सेल ने अफगानिस्तानी पैडलर के पूरे नेटवर्क का खुलासा किया था। उसके जरिए मप्र में नशा का सौदा होने की जानकारी मिली थी। उसने नशे के लिए इस्तेमाल होने वाली ट्रामेफ-पी, स्पास्मो प्रोक्सीवोन प्लस जैसी मेडिसिन का आर्डर भोपाल से मिलने की जानकारी दी थी।

 

 

 

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