इस योजना के तहत एक पीएचसी को कम से कम 10 डिलीवरी करवाना अनिवार्य किया गया था। योजना को पीएचसी में लागू कराने का उद्देश्य यह था कि नार्मल डिलीवरी के लिए महिलाओं को शहर तक न आना पड़े, लेकिन पीएससी की हालत ऐसी है कि’ पर्याप्त स्टाफ होने के बावजूद अस्पताल में सामान्य डिलीवरी तक नहीं करा पा रहे हैं। छः महीने से यह स्तिथि बनी हुई है। ऐसे में सीएमएचओ डाक्टर अनिल श्रीवास्तव ने चारों ब्लाक के सभी को बीएमओ नोटिस जारी कर शून्य डिलीवरी पर तीन दिनों में स्पष्टीकरण मांगा है। साथ ही साफ किया है कि यदि अब भी सामान्य डिलवरी नहीं हुई तो कड़ी कार्यवाही की जाएगी।
निजी अस्पतालों से आ रहे अधिक क्लेम
सीएमएचओ डाक्टर अनिल श्रीवास्तव के अनुसार आयुष्मान योजना में निजी अस्पतालों में ज्यादा क्लेम हो रहा है, जबकि वहां पैकेज अधिक है। शासकीय अस्पताल में 166 प्रकार की इलाज की सुविधा देने के बाद भी क्लेम शून्य है। इससे पहले भी कई बार चारों ब्लाक के बीएमओ को क्लेम बढ़ाने के निर्देश दिए जा चुके हैं, लेकिन इस पर जवाब नहीं दिया जा रहा है। इसलिए इन्हें फिर नोटिस दिया गया है।
चारों ब्लॉक के बीएमएमओ को नोटिस जारी कर शून्य क्लेम पर जवाब मांगा गया है। इससे पहले भी कई बार पत्र लिखा गया है, लेकिन जवाब नहीं मिला। अब संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर कार्रवाई की जाएगी।