Madhya Pradesh/ बुंदेलखंड देश में देवी मां के कई चमत्कारिक मंदिर है इन्हीं में से एक है दतिया जिले में रतनगढ़ वाली माता का मंदिर यहां की मिट्टी और भभूत में बहुत शक्ति है मान्यता है जो कोई भक्त बीमार रहते हैं यहां की भभूत चाटते ही उसके सारे रोग दूर हो जाते हैं इतना ही नहीं मंदिर की मिट्टी चाटते ही जहरीले जीवों का जहर भी बेअसर हो जाता है मंदिर की मिट्टी में अद्भुत शक्ति है रतनगढ़ माता का मंदिर दतिया जिले के रामपुरा गांव के पास स्थित है यह सिंध नदी के किनारे बना हुआ है। यह मंदिर घने जंगलों के बीच स्थित है यहां देवी मां की मूर्ति के अलावा कुंवर महाराज की प्रतिमा भी स्थापित है लोगों के मुतााबिक कुंवर महाराज देवी मां के परम भक्त थे इसलिए उनकी भी साथ में पूजा की जाती है। थे इस मंदिर की मिट्टी में इतनी शक्ति है कि इसे चटाने से सांप, बिच्छू आदि किसी भी तरह के जहरीला जीव के जहर का असर नहीं होता है। देवी मां के मंदिर में जो भभूत निकलता है ये भी बहुत सिद्ध माना जाता है मान्यता है कि इस भभूत को पानी में मिलाकर रोगी को पिलाने से उसके सारे रोग दूर हो जाते हैं इंसानों के अलावा इस मंदिर में पशुओं का भी इलाज होता है स्थानीय लोग भाई दूज के दिन पशु को बांधने वाली रस्सी देवी मां के पास रखते हैं इसके बाद उस रस्सी से दोबारा पशु को बांधते हैं तो वे जल्द ही ठीक हो जाते हैं। यहां दूर-दूर से भक्त दर्शन के लिए आते हैं मंदिर का निर्माण मुगलकाल के दौरान हुआ था। उस वक्त युद्ध के दौरान शिवाजी विंध्याचल के जंगलों मे भूखे-प्यासे भटक रहे थे। तभी कोई कन्या उन्हें भोजन देकर गई थी स्थानीय लोगों के मुताबिक शिवाजी ने अपने गुरू स्वामी रामदास से उस कन्या के बारे मे पूछा तो उन्होने अपनी दिव्य दृस्टि से देखकर बताया कि वो जगत जननी माँ दुर्गा हैं। शिवाजी ने मां की महिमा से प्रभावित होकर यहां देवी मां का मंदिर बनवाया था। मान्यता है कि इस जगह जो भी दर्शन के लिए आता है वो कभी खाली हाथ नहीं जाता है।