जिला स्वास्थ्य समिति एवं महिला बाल विकास विभाग की समीक्षा बैठक में दिए निर्देश

 

 

ग्वालियर। केवल मैदानी कर्मचारियों के भरोसे न रहकर जिला व खण्ड स्तरीय अधिकारी हितग्राहियों तक सीधे पहुँचें। उनके साथ संवाद करें व योजनाओं की जानकारी दें। इससे शासन के प्रति समाज में सकारात्मक वातावरण निर्मित होने के साथ-साथ स्वास्थ्य कार्यक्रमों व आंगनबाड़ी सेवायें गुणवत्ता के साथ जरूरतमंदों तक पहुँच सकेंगीं। इस आशय के निर्देश कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह ने जिला स्वास्थ्य समिति एवं महिला-बाल विकास विभाग की संयुक्त बैठक में दिए।
गुरूवार को जिला पंचायत के सभागार में आयोजित हुई बैठक में कलेक्टर श्री सिंह ने गर्भवती माताओं का पहले तीन महीने के भीतर पंजीयन करने पर विशेष जोर दिया। इससे गर्भवती माताओं की सभी प्रकार की जाँचें व टीकाकरण समय से हो सकेगा। जाहिर है माता व शिशु की सुरक्षा भी हो सकेगी। उन्होंने अपेक्षित पंजीयन न होने पर नाराजगी जताई। साथ ही निर्देश दिए कि अगली बैठक से पहले इसमें प्रभावी बदलाव नजर आना चाहिए।
बैठक में आयुष्मान भारत, टीकारकण, कुष्ठ निवारण, अस्पतालों का कायाकल्प अभियान, मुख्यमंत्री लाड़ली बहना योजना के तहत डीबीटी व आधार मिलान कार्य, अडॉप्ट एन आंगनबाड़ी अभियान, कम वजन के बच्चों को सुपोषित करने के लिये चलाए जा रहे कार्यक्रम सहित विभिन्न राष्ट्रीय स्वास्थ्य कार्यक्रमों की विस्तार से समीक्षा की।
इस अवसर पर मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा, विभिन्न स्वास्थ्य कार्यक्रमों के जिला व खण्ड स्तरीय अधिकारी, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास श्री राहुल पाठक सहित अन्य संबंधित अधिकारी मौजूद थे।

वही अस्पताल व आंगनबाड़ी श्रेष्ठ मानी जायेगी जहाँ मरीज व बच्चे संतुष्ट होंगे

कलेक्टर श्री सिंह ने सरकारी अस्पतालों की सेवाओं को बेहतर बनाने पर जोर देते हुए कहा कि कोई अस्पताल तभी श्रेष्ठ माना जायेगा, जब वह साफ-सुथरा हो और पैरामेडीकल स्टाफ व चिकित्सकों का व्यवहार अच्छा हो, जिससे अस्पताल में मरीज को पूरी संतुष्टि मिले। इसी तरह आंगनबाड़ी की सुविधायें ऐसी हों जिससे बच्चे वहाँ जाने की जिद करें। इसी भाव के साथ सरकारी अस्पतालों एवं आंगनबाड़ियों का कायाकल्प करें।

सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों के निराकरण की रणनीति समझाई

कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह ने मुख्यमंत्री जन सेवा अभियान – द्वितीय चरण के दौरान सीएम हैल्पलाइन की शिकायतों के त्वरित निराकरण की रणनीति भी सभी अधिकारियों को बैठक में समझाई। उन्होंने कहा अधिकारी शिकायतकर्ता को स्वयं फोन करें, सामूहिक रूप से गूगल मीट करें और शिकायतकर्ताओं की बैठक बुलाएँ। इससे शिकायतों का निराकरण शिकायतकर्ता की संतुष्टि के साथ किया जा सकेगा। उन्होंने जन सेवा अभियान के लिये चिन्हित 67 सेवाओं से संबंधित आवेदनों का निराकरण तेजी से करने के निर्देश भी दिए।

समर्पण भाव से करें नवाचार

कलेक्टर श्री अक्षय कुमार सिंह ने बैठक में अधिकारियों से यह भी कहा कि समर्पण भाव से काम कर अपने-अपने विभाग में नवाचार भी करें। उन्होंने कहा कि समस्या को अवसर के रूप में लेकर व्यवस्था में सुधार करें। नवाचार ऐसे हों, जिससे स्वयं को आनंद और जरूरतमंद लोगों को मदद मिले। उन्होंने खासतौर पर पर्यावरण, स्वच्छता, नशामुक्ति, पॉलीथिन का उपयोग न करने जैसे क्षेत्रों में नवाचार करने पर बल दिया।

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