भागवत कथा सुनने का मौका किस्मत वालों को ही मिलता है सुप्रसिद्ध भागवताचार्य

 

माधव बाल निकेतन एवं वृद्ध आश्रम कमानी पुल लक्ष्मीगंज में चल रही श्रीमद् भागवत कथा में सुप्रसिद्ध भागवताचार्य पं.श्री घनश्याम शास्त्री जी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा सुनना और सुनाना दोनों ही मुक्तिदायिनी है तथा आत्मा को मुक्ति का मार्ग दिखाती है। भागवत पुराण को मुक्ति ग्रंथ कहा गया है, इसलिए अपने पीतरों की शांति के लिए इसे हर किसी को कथा का आयोजन करवाना चाहिए। इसके अलावा रोग-शोक, पारिवारिक अशांति दूर करने, आर्थिक समृद्धि तथा खुशहाली के लिए इसका आयोजन किया जाता है। श्रीमद्भागवत कथा जीवन-चक्र से जुड़े प्राणियों को उनकी वास्तविक पहचान करवाता है। आत्मा को अपने स्वयं की अनुभूति से जोड़ता हैं तथा सांसारिक दुख, लोभ-मोह-क्षुधा जैसी तमाम प्रकार की भावनाओं के बंधन से मुक्त करते हुए ईश्वर तथा उसी का एक अंश आत्मा से साक्षात्कार करवाता है। इसे सुनने मात्र से हजारों अश्वमेघ यज्ञ आयोजनों के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है। गंगा, गया, काशी, पुष्कर या प्रयाग जैसे तीर्थों की यात्रा से भी अधिक पुण्यकारी है भागवत कथा का पाठ या इसे सुनना। इसे सुनने वालों पर स्वयं श्रीहरि विष्णु की कृपा रहती है इस अवसर पर माधव बाल निकेतन एवं वृद्ध आश्रम के चेयरमैन नूतन श्रीवास्तव परीक्षित श्रीमती रेनू मुकेश भटनागर श्रीमती रजनी कुशवाहा श्रीमती सीमा सक्सेना श्रीमती पुष्पा तिवारी श्रीमती उमा शर्मा श्रीमती रेखा शुक्ला श्रीमती लक्ष्मी भटनागर सलोनी चित्र सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे

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