मिशनरी स्कूल के मामले में डिंडौरी-मंडला कलेक्टर व एसपी को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का नोटिस, राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने तीन दिन के अंदर मांगा कार्रवाई का विवरण

डिंडौरी/ मिशनरी स्कूल जुनवानी में नाबालिग आदिवासी छात्राओं के साथ यौन शोषण का गंभीर मामला उजागर होने के बाद आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है। इस मामले में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने डिंडौरी के साथ मंडला कलेक्टर और दोनों जिले के एसपी को नोटिस जारी कर तीन दिन के अंदर जवाब मांगा है। आयोग ने प्रकाशित समाचार को संज्ञान में लेते हुए अधिकारियों के नाम से नोटिस जारी किया है।

नोटिस में राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने आरोपितों की गिरफ्तारी को लेकर अब तक की गई कार्रवाई, आइपीसी और एससी-एसटी अधिनियम के प्रविधानों के तहत चार्जशीट दायर करने, अत्याचार संशोधन अधिनियम 2016 के अनुसार पीडि़त परिवार को आर्थिक राहत और पुनर्वास पैकेज की जानकारी भी मांगी है।

समय सीमा में जवाब न मिलने पर आयोग ने व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के लिए समन जारी करने की चेतावनी भी दी है। छह मार्च को भी आयोग ने नईदुनिया की खबर पर डिंडौरी कलेक्टर व एसपी को नोटिस जारी किए थे।

सरकारी स्कूल खुलेगा : मिशनरी सोसायटी ने आदिवासी छात्र-छात्राओं के नाम से विदेश से करोड़ों की मदद लेने के साथ प्रदेश सरकार से शिष्यवृत्ति की राशि ली और गरीब विद्यार्थियों से शुल्क भी वसूला। इसी मामले में पुलिस ने सोसायटी के अध्यक्ष और कोषाध्यक्ष पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शासकीय हाई स्कूल भी इसी सत्र से शुरू करने की बात कही है। यौन शोषण के मामले में आरोपित प्राचार्य नान सिंह यादव और शिक्षक खेमचंद जिला जेल में बंद हैं। जुनवानी स्कूल व छात्रावास की मान्यता रद होने की कार्रवाई भी प्रस्तावित है।

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