ग्वालियर के कृषक स्ट्रॉ रीपर मशीन का उपयोग कर कर रहे हैं नरवाई प्रबंधन

प्रगतिशील कृषक खुद के खेतों के साथ अन्य किसानों के खेतों में भी करा रहे हैं नरवाई प्रबंधन

ग्वालियर जिले के कृषक स्ट्रॉ रीपर मशीन का उपयोग कर कर रहे हैं नरवाई प्रबंधन

ग्वालियर जिले के प्रगतिशील किसान फसल अवशेष (नरवाई) जलाने के
बजाय उसका प्रबंधन कर अन्य किसानों के लिये प्रेरणास्त्रोत बन रहे हैं। जिले के ग्राम टेकनपुर
निवासी कृषक श्री खैर सिंह व चीनौर निवासी श्री महेश जाटव ने स्ट्रारीपर यंत्र से न केवल
अपने खेतों में नरवाई का प्रबंधन किया है, बल्कि अपनी मशीन को किराए पर देकर दूसरे
किसानों के खेतों में भी नरवाई का प्रबंधन करा रहे हैं। कृषि अभियांत्रिकी विभाग की योजना
के तहत इन दोनों किसानों ने स्ट्रारीपर खरीदा है। इसके लिये उन्हें 1.5 – 1.5 लाख रूपए का
अनुदान मिला है। जिला प्रशासन ने किसान भाईयों से नरवाई जलाने की बजाय खेतों की
उत्पादकता बनाए रखने के लिये मशीनों का उपयोग कर फसल अवशेषों का प्रबंधन करने की
अपील की है।
कृषक श्री खैर सिंह व श्री महेश जाटव स्ट्रारीपर चलाकर खेतों में बची गेहूँ की नरवाई
से भूषा बनाते हैं, जिसका उपयोग पशु आहार व ईंधन के रूप में किया जा रहा है।
जिले में स्ट्रॉ रीपर मशीन के माध्यम से नरवाई प्रबंधन के लिये कृषि विभाग द्वारा जन
जागरूकता कार्यक्रम चलाया जा रहा है। उप संचालक कृषि श्री आर एस शाक्यवार ने बताया
स्ट्रॉ रीपर मशीन के उपयोग से कृषक के खेत में कटाई उपरांत बची नरवाई का बेहतर प्रबंधन
हो जाता है, जिससे अग्नि दुर्घटनाओं से निदान मिलता है। साथ ही पर्यावरण सरक्षण व संतुलन
बना रहता है। खेत की मिट्टी स्वस्थ व उपजाऊ बनी रहती है ।

प्रगतिशील किसान ग्वालियर जिले में अपने खेतों के साथ-साथ अन्य किसानों के खेतों में भी नरवाई(फसल अवशेष) का प्रबंधन करा रहे हैं। वे इसके लिए स्ट्रॉ रीपर मशीन का उपयोग कर रहे हैं। स्ट्रॉरीपर मशीन कटाई के बाद खेत में बचे हुए फसल अवशेषों को काटकर भूसा बनाती है, जिससे नरवाईजलाने की आवश्यकता नहीं होती और मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *