परिचय और विवरण
भारत में परीक्षा (Exams) प्रणाली का इतिहास अत्यंत समृद्ध और विविधतापूर्ण है। प्राचीन काल में गुरुकुल प्रणाली में मौखिक परीक्षणों के माध्यम से छात्रों की योग्यता का मूल्यांकन किया जाता था। वेदों और उपनिषदों के अध्ययन के पश्चात, छात्रों को शास्त्रार्थ और मौखिक परीक्षाओं के माध्यम से परखा जाता था।
मौर्य काल में चाणक्य द्वारा रचित ‘अर्थशास्त्र’ में प्रशासनिक पदों के लिए चयन की प्रक्रिया का उल्लेख मिलता है, जिसमें उम्मीदवारों की योग्यता का मूल्यांकन किया जाता था। यह प्राचीन भारत में परीक्षा (Exams) प्रणाली की एक प्रारंभिक झलक प्रदान करता है।
सार्वजनिक प्रश्न और उनके समाधान (हिंदी में)
प्रश्न 1: भारत में आधुनिक परीक्षा (Exams) प्रणाली की शुरुआत कब हुई?
समाधान: 1853 में ब्रिटिश शासन के दौरान, ईस्ट इंडिया कंपनी ने नामांकन प्रणाली को समाप्त कर प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं की शुरुआत की। यह प्रणाली भारतीय सिविल सेवा के चयन के लिए लागू की गई थी।
प्रश्न 2: क्या प्राचीन भारत में भी परीक्षा (Exams) प्रणाली थी?
समाधान: हाँ, प्राचीन भारत में गुरुकुल प्रणाली के अंतर्गत मौखिक परीक्षाओं और शास्त्रार्थ के माध्यम से छात्रों की योग्यता का मूल्यांकन किया जाता था।
प्रश्न 3: क्या चाणक्य द्वारा रचित ‘अर्थशास्त्र’ में परीक्षा (Exams) प्रणाली का उल्लेख है?
समाधान: हाँ, ‘अर्थशास्त्र’ में प्रशासनिक पदों के लिए चयन प्रक्रिया और उम्मीदवारों की योग्यता के मूल्यांकन का वर्णन मिलता है।
Public questions and their solutions (In English)
Q 1: Who invented exams in india ?
Ans: Exams in India were introduced during the British colonial period. The British established formal education systems and exam patterns to standardize assessment, inspired by their own education models. So, exams in India were not invented by a single person but introduced by the British administration in the 19th century.
Q 2: who invented school ?
Ans: School wasn’t invented by one person—it evolved over time.
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The first schools appeared around 2000 BCE in Mesopotamia to train scribes.
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Plato founded the Academy in ancient Greece (around 387 BCE).
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Ancient India had the Gurukul system and early universities like Takshashila.
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In modern times, Horace Mann (USA) helped create the public school system in the 1800s.
So, school is a result of many cultures and reforms over thousands of years.
Q 3: who invented homework ?
Ans: The invention of homework is commonly attributed to Roberto Nevilis, an Italian teacher in Venice around 1905. He is said to have given homework as a punishment to students who didn’t perform well in class.
However, this story is not strongly supported by historical records — it may be more of an educational myth.
Real History:
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Homework existed long before 1905.
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In ancient Rome, teachers often asked students to practice speeches or writing at home.
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In the 19th century, formal homework became common in Europe and the U.S. as part of school reforms.
So, no one person truly “invented” homework — it evolved over centuries as part of learning and practice.
Q 4: who invented studies ?
Ans: No single person “invented” studies — the practice of learning and acquiring knowledge has existed since the beginning of human civilization.
Key Milestones in the History of Studying:
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🗿 Prehistoric humans learned by observation and experience — this was the earliest form of “study.”
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📜 Ancient civilizations (like Egypt, Mesopotamia, India, China, and Greece) developed formal systems of study for writing, math, science, and philosophy.
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🧠 Philosophers like Confucius, Socrates, Plato, and Chanakya emphasized structured thinking and disciplined study.
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🏫 Formal education systems led to the development of study methods in schools and universities.
समाचार के महत्वपूर्ण बिंदु
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1853 में ब्रिटिश सरकार ने भारत में प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा (Exams) प्रणाली की शुरुआत की।
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प्राचीन भारत में गुरुकुल प्रणाली के अंतर्गत मौखिक परीक्षाओं (Exams) का प्रचलन था।
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चाणक्य के ‘अर्थशास्त्र’ में प्रशासनिक पदों के लिए चयन प्रक्रिया का उल्लेख मिलता है।
समाचार सूचना तालिका
वर्ष | घटना | विवरण |
---|---|---|
प्राचीन काल | गुरुकुल प्रणाली | मौखिक परीक्षाओं और शास्त्रार्थ के माध्यम से मूल्यांकन |
मौर्य काल | ‘अर्थशास्त्र’ | प्रशासनिक पदों के लिए चयन प्रक्रिया का वर्णन |
1853 | ब्रिटिश शासन | प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षा प्रणाली की शुरुआत |

निष्कर्ष
भारत में परीक्षा (Exams) प्रणाली का विकास प्राचीन गुरुकुल परंपरा से लेकर आधुनिक प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं तक हुआ है। प्राचीन काल में मौखिक परीक्षणों (Exams) और शास्त्रार्थ के माध्यम से छात्रों की योग्यता का मूल्यांकन किया जाता था, जबकि आधुनिक काल में लिखित परीक्षाओं के माध्यम से यह प्रक्रिया होती है। यह परिवर्तन समय के साथ शिक्षा प्रणाली में आए बदलावों को दर्शाता है।
विस्तृत जानकारी
भारत में परीक्षा (Exams) प्रणाली का इतिहास अत्यंत विस्तृत और विविधतापूर्ण है। प्राचीन काल में शिक्षा गुरुकुल प्रणाली के अंतर्गत दी जाती थी, जहाँ छात्र आचार्य के सान्निध्य में रहकर वेदों, उपनिषदों और अन्य शास्त्रों का अध्ययन करते थे। इस प्रणाली में छात्रों की योग्यता का मूल्यांकन मौखिक परीक्षाओं, शास्त्रार्थ और व्यवहारिक परीक्षणों के माध्यम से किया जाता था।
मौर्य काल में चाणक्य द्वारा रचित ‘अर्थशास्त्र’ में प्रशासनिक पदों के लिए चयन प्रक्रिया का उल्लेख मिलता है, जिसमें उम्मीदवारों की योग्यता का मूल्यांकन किया जाता था। यह प्राचीन भारत में परीक्षा प्रणाली की एक प्रारंभिक झलक प्रदान करता है।
ब्रिटिश शासन के दौरान, 1853 में ईस्ट इंडिया कंपनी ने नामांकन प्रणाली को समाप्त कर प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षाओं की शुरुआत की। यह प्रणाली भारतीय सिविल सेवा के चयन के लिए लागू की गई थी। इस प्रणाली के अंतर्गत उम्मीदवारों को लिखित परीक्षाओं के माध्यम से चयनित किया जाता था।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद, भारत सरकार ने शिक्षा प्रणाली में कई सुधार किए, जिनमें परीक्षा प्रणाली का आधुनिकीकरण भी शामिल था। आज, भारत में विभिन्न स्तरों पर विभिन्न प्रकार की परीक्षाएं आयोजित की जाती हैं, जैसे कि बोर्ड परीक्षाएं, प्रवेश परीक्षाएं, प्रतियोगी परीक्षाएं आदि।
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